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    UP: यूपी के स्कूलों और मदरसों में पढ़ाया जाएगा एआई का पाठ, 6 से 8 तक विद्यार्थियों के लिए तैयार किया गया सिलेबस

    UP Education News - अब मदरसे व माध्यमिक स्कूलों में कक्षा नौ से इंटरमीडिएट तक के विद्यार्थियों को भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) कोडिंग कंप्यूटेशनल थिंकिंग व डिजिटल लिटरेसी का पाठ पढ़ाया जाएगा। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) जल्द इसका सिलेबस तैयार करेगी। पहले चरण में कक्षा छह से कक्षा आठ तक के विद्यार्थियों के लिए सिलेबस तैयार किया जा चुका है।

    By Ashish Kumar TrivediEdited By: Shivam YadavUpdated: Tue, 10 Oct 2023 06:47 AM (IST)
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    कक्षा नौ से इंटरमीडिएट तक के छात्र भी पढ़ेंगे कोडिंग।

    आशीष त्रिवेदी, लखनऊ। अब मदरसे व माध्यमिक स्कूलों में कक्षा नौ से इंटरमीडिएट तक के विद्यार्थियों को भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), कोडिंग, कंप्यूटेशनल थिंकिंग व डिजिटल लिटरेसी का पाठ पढ़ाया जाएगा। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) जल्द इसका सिलेबस तैयार करेगी। पहले चरण में कक्षा छह से कक्षा आठ तक के विद्यार्थियों के लिए सिलेबस तैयार किया जा चुका है। यह अगले वर्ष से विद्यार्थियों को पढ़ाया जाएगा।

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    एससीईआरटी के निदेशक पवन सचान के मुताबिक, अब दूसरे चरण में कक्षा नौ से इंटरमीडिएट तक के विद्यार्थियों के लिए भी पाठ्यक्रम तैयार किया जाएगा। जल्द विशेषज्ञों की टीम गठित की जाएगी, क्योंकि कक्षा छह से कक्षा आठ तक के विद्यार्थियों के लिए पाठ्यक्रम तैयार किया जा चुका है।

    समस्या के समाधान में दक्ष होंगे छात्र

    ऐसे में अब उच्च कक्षा के लिए इसमें आगे की पाठ्य सामग्री जोड़कर इसे तैयार कर लिया जाएगा। माइक्रोसॉफ्ट वर्ड, एक्सेल, लॉजिकल थिंकिंग व डिजिटल लिटरेसी इत्यादि कक्षा आठ तक पढ़ा दी जाएगी। तार्किक क्षमताओं द्वारा वह समस्या के समाधान में दक्ष हो सकें और तकनीकी के क्षेत्र में उपलब्ध व्यावसायिक अवसरों का वह लाभ उठा सकें इसके लिए यह पहल की गई है।

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    तेजी से बढ़ रहा एआई का प्रयोग

    डिजिटल साक्षरता के साथ-साथ डिजिटल जागरूकता भी बहुत जरूरी है। इंटरनेट व अन्य डिजिटल संसाधनों का सुरक्षित उपयोग उन्हें बताया जाएगा, ताकि वह इसके दुष्परिणामों से बच सकें। एआई का प्रयोग तेजी से बढ़ रहा है और तकनीकी लगातार अपडेट हो रही है। ऐसे में इंटर तक विद्यार्थियों को इसका काफी कुछ ज्ञान दिया जाना जरूरी हो गया है।

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