UP News: प्रदेश की अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने में पिछड़ रहे हैं पिछड़े जिले, तीन साल में कोई खास सुधार नहीं
उत्तर प्रदेश सरकार की एक ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनाने की कोशिश में 43 जिले राज्य की जीएसडीपी में 1% से भी कम योगदान दे रहे हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश का योगदान 48.51% है जबकि पूर्वी उत्तर प्रदेश का 27.59% है। श्रावस्ती जैसे जिलों का योगदान बहुत कम है हालांकि कुछ जिलों ने बेहतर प्रदर्शन किया है। गौतमबुद्ध नगर (नोएडा) सबसे आगे है।

हेमंत श्रीवास्तव, लखनऊ। राज्य की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डालर बनाने की जद्दोजहद में जुटी प्रदेश सरकार को पिछड़े जिलों का अपेक्षित सहयोग नहीं मिल पा रहा है। प्रदेश की अर्थव्यवस्था में इन जिलों के योगदान में पिछले तीन साल में कोई खास सुधार नहीं दिख रहा है।
नतीजतन अब भी 43 जिले ऐसे हैं जो राज्य की जीएसडीपी में एक फीसदी से कम योगदान कर रहे हैं। अर्थव्यवस्था में योगदान के मामले में पश्चिमी और पूर्वी उत्तर प्रदेश के बीच आसमान और जमीन का अंतर है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश राज्य की सकल घरेलू उत्पाद में 48.51 प्रतिशत तो पूर्वी उत्तर प्रदेश के जिले कुल 27.59 प्रतिशत योगदान दे रहे हैं।
प्रदेश की अर्थव्यवस्था में सबसे कम योगदान देने वाले 10 जिलों की जिला घरेलू उत्पाद (डीडीपी) में पिछले तीन साल में कोई खास वृद्धि नहीं दिख रही है। अंतिम पायदान पर खड़े श्रावस्ती जिले का योगदान 2020-21 में 0.31 प्रतिशत था जो कि 2023-24 में 0.34 प्रतिशत तक ही पहुंच सका।
चित्रकूट का जिला घरेलू उत्पाद 2021-22 में 0.45 प्रतिशत था जो 2023-24 में भी 0.45 प्रतिशत ही है। संतकबीर नगर का योगदान 0.48 प्रतिशत से घटकर 0.47 प्रतिशत, औरैया का 0.66 से 0.48, भदोही का 0.52 से 0.51, कौशांबी का 0.55 से 0.56, महोबा का 0.53 से 0.57, मऊ का 0.65 से 0.59, कन्नौज का 0.68 से 0.60, कासगंज का 0.61 से घटकर 0.60 प्रतिशत रह गया है। हालांकि, संबंधित जिलों की डीडीपी धनराशि के लिहाज से बढ़ रही है।
नियोजन विभाग के अर्थ एवं संख्या प्रभाग के वर्ष 2023-24 के सकल डीडीपी के आंकड़ों के अनुसार राज्य की जीएसडीपी में मध्य संभाग का योगदान 18.63 प्रतिशत तो बुंदेलखंड का 5.27 प्रतिशत ही है।
प्रदेश की अर्थव्यवस्था (जीएसडीपी) में एक प्रतिशत से कम योगदान करने वाले जिलों में श्रावस्ती, चित्रकूट, संतकबीरनगर औरैया, भदोही, कौशांबी, महोबा, मऊ, कन्नौज, कासगंज, बलरामपुर. इटावा, फर्रूखाबाद, ललितपुर. शामली, सिद्धार्थ नगर, चंदौली, बांदा, बागपत, अमेठी, एटा, मैनपुरी, हाथरस, महाराजगंज, प्रतापगढ़, हमीरपुर, देवरिया, सुल्तानपुर, हापुड़, बलिया, अंबेडकरनगर, पीलीभीत, बस्ती, जालौन, संभल, मीरजापुर, फिरोजाबाद, कानपुर देहात, अमरोहा, रायबरेली, गाजीपुर, गोंडा और फतेहपुर शामिल हैं।
सकल डीडीपी में गौतमबुद्ध नगर नोएडा 10.30 प्रतिशत के साथ पहले नंबर पर, 5.53 प्रतिशत योगदान के साथ लखनऊ दूसरे व 4.57 प्रतिशत के साथ गाजियाबाद तीसरे नंबर पर है।
3.03 प्रतिशत के साथ आगरा चौथे, 3.00 प्रतिशत के साथ कानपुर नगर पांचवें, 2.90 प्रतिशत के साथ प्रयागराज छठे, 2.43 प्रतिशत के साथ मेरठ सातवें, 2.23 प्रतिशत के साथ बरेली आठवें, 2.02 प्रतिशत के साथ गोरखपुर नौवें तथा 1.99 प्रतिशत योगदान के साथ वाराणसी दसवें स्थान पर है।
वर्ष 2022-23 में कानपुर नगर डीडीपी में चौथे नंबर पर था, लेकिन 2023-24 में आगरा ने बेहतर प्रदर्शन करते हुए उसे पीछे छोड़ दिया। इसी तरह पहले सहारनपुर 12वें स्थान पर था, लेकिन अलीगढ़ ने बेहतर प्रदर्शन कर उसे और सोनभद्र ने सीतापुर को पीछे छोड़ दिया।
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