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    UP News: यूपी में एक साल में शराब से हुई 52,297 करोड़ रुपये की कमाई, 24 हजार से ज्‍यादा तस्‍कर हुए ग‍िरफ्तार

    Updated: Fri, 04 Apr 2025 10:13 AM (IST)

    आबकारी विभाग को बीते वित्तीय वर्ष 2024-25 में शराब से 52297.08 करोड़ रुपये की कमाई हुई है। आबकारी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नितिन अग्रवाल ने बताया कि विभाग ने पिछले वित्तीय वर्ष में अभी तक का सबसे अधिक राजस्व एकत्र किया है। चालू वित्तीय वर्ष में सरकार ने विभाग को 63000 करोड़ रुपये का राजस्व एकत्र करने का लक्ष्य दिया है।

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    यूपी को 2024-25 में शराब से हुई जबरदस्‍त कमाई।- सांकेत‍िक तस्‍वीर

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। आबकारी विभाग को बीते वित्तीय वर्ष 2024-25 में शराब से 52,297.08 करोड़ रुपये की कमाई हुई है। प्रदेश में अवैध शराब की तस्करी को रोकने के लिए 1,12,279 मुकदमे दर्ज किए गए और 24,049 तस्करों को गिरफ्तार किया गया। इनमें से 5,557 तस्करों को जेल भेजा गया, जबकि अवैध शराब की आपूर्ति को लेकर 203 वाहनों को जब्त किया गया है।

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    आबकारी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नितिन अग्रवाल ने बताया कि विभाग ने पिछले वित्तीय वर्ष में अभी तक का सबसे अधिक राजस्व एकत्र किया है। चालू वित्तीय वर्ष में सरकार ने विभाग को 63,000 करोड़ रुपये का राजस्व एकत्र करने का लक्ष्य दिया है। नई आबकारी नीति से आसानी के साथ यह लक्ष्य भी पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि वर्ष 2023-24 में विभाग ने 45,570.47 करोड़ का राजस्व प्राप्त किया था। विभाग ने वर्ष 2023-24 की तुलना में बीते वर्ष 6726.61 करोड़ रुपये का अधिक राजस्व एकत्र किया। वहीं, वर्ष 2022-23 में आबकारी विभाग ने 41,252.24 करोड़ रुपये का राजस्व एकत्र किया था।

    उन्होंने बताया कि आबकारी विभाग ने नकली शराब के उत्पादन पर लगभग पूरी तरह से रोक लगा दी है। बीते वर्ष विभाग ने 7.04 लाख लीटर अवैध शराब बरामद की है। वहीं शराब व स्प्रिट के टैंकरों में डिजिटल लाक लगाने की व्यवस्था की गई है। साथ ही सभी डिस्टलरी में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। शराब की अपूर्ति करने वाले वाहनों में जीपीएस लगवाया गया है।

    1.41 लाख करोड़ रुपये का जीवीओ पाने को जुटेगा गन्ना विकास विभाग

    चालू वित्तीय वर्ष में गन्ना विकास विभाग प्रदेश के एक ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था के लक्ष्य में योगदान बढ़ाने की कसरत करेगा। विभाग ने वित्तीय वर्ष की अपनी कार्ययोजना में 1,41,846 करोड़ रुपए के सकल मूल्य उत्पादन (जीवीओ) का लक्ष्य तय किया है। वहीं, सरकार पर निर्भरता कम करने की भी कोशिश की जाएगी।

    विभाग ने पूर्व में 1,09,461 करोड़ रुपये जीवीओ का योगदान दिया था। अब तय किए गए लक्ष्य में गन्ने से 1,03,038 करोड़ रुपये और गुड़ से 38,808 करोड़ रुपये का योगदान पाने की कोशिश होगी। दूसरी तरफ अपनी योजनाओं के संचालन के लिए विभाग वर्तमान में सरकार से लगभग 1200 करोड़ रुपये की सहायता प्राप्त करता है। इसे कम करने के लिए चीनी मिल संघ का औसत रिकवरी प्रतिशत बढ़ाया जाएगा।

    वर्तमान में यह 9.56 प्रतिशत है, जिसे 10.50 प्रतिशत पर ले जाने की कोशिश होगी। नुकसान से बचने के लिए 91.54 लाख कुंतल चीनी की समयबद्ध बिक्री और चीनी मिलों की भंडारण क्षमता को चार लाख क्विंटल करने पर जोर दिया जाएगा। विभाग ने मई तक चीनी मिलों के लिए आउट सोर्सिंग से श्रमिकों की भर्ती करने की भी तैयारी की है।

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