UPPCL: बिजली विभाग में संविदा पर रखे जाएंगे CA-CMA, हर माहीने 40 हजार रुपये मिलेगा मानदेय
UPPCL News उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन में चार्टर्ड अकाउंटेंट व सर्टिफाइड मैनेजमेंट अकाउंटेंट (सीए व सीएमए) के पद पर संविदा कार्मिकों का चयन विद्युत सेवा आयोग के माध्यम से किया जाएगा। यह तैनाती तीन वर्ष के लिए होगी। जरूरत के मुताबिक संविदा सीए व सीएमए का कार्यकाल एक-एक वर्ष की अवधि के लिए अधिकतम दो बार बढ़ाई जा सकेगी। पावर कारपोरेशन के निदेशक मंडल द्वारा यह फैसला लिया गया है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन में चार्टर्ड अकाउंटेंट व सर्टिफाइड मैनेजमेंट अकाउंटेंट (सीए व सीएमए) के पद पर संविदा कार्मिकों का चयन विद्युत सेवा आयोग के माध्यम से किया जाएगा। एक साल का अनुभव रखने वालों को वरीयता दी जाएगी। यह तैनाती तीन वर्ष के लिए होगी। जरूरत के मुताबिक संविदा सीए व सीएमए का कार्यकाल एक-एक वर्ष की अवधि के लिए अधिकतम दो बार बढ़ाई जा सकेगी।
पावर कारपोरेशन के निदेशक मंडल द्वारा यह फैसला लिया गया है। पदों की संख्या के मुकाबले यदि अभ्यर्थियों की संख्या अधिक होगी तो ऐसी स्थिति में साक्षात्कार होगा। ईआरपी प्रणाली के तहत कार्य करने का अनुभव रखने वालों को वरीयता दी जाएगी। योग्य सीए व सीएमए को संविदा पर नियुक्त करने के लिए इंस्टीट्यूट आफ चार्टड एकाउंटेंट्स आफ इंडिया व इंस्टीट्यूट आफ कास्ट एकाउंटेंट आफ इंडिया की शाखा से योग्य अभ्यर्थियों के बायोडाटा लिए जाएंगे। दो सदस्यीय साक्षात्कार समिति का गठन निदेशक वित्त के माध्यम से होगा।
चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति के प्रारंभिक छह माह का समय फ्री लुक पीरियड होगा। इस अवधि में कार्य संतोषजनक नहीं पाए जाने पर बिना कारण बताए सेवाएं समाप्त कर दी जाएंगी। कार्य संतोषजनक पाए जाने पर कुल तैनाती अवधि तीन वर्ष के लिए होगी जिसमें छह माह का फ्री लुक पीरियड भी शामिल रहेगा। चयनित संविदाकर्मियों को हर माह 40 हजार रुपये मानदेय मिलेगा। परफार्मेंस संतोषजनक पाए जाने पर मानदेय में 10 प्रतिशत सालाना की वृद्धि होगी। प्रबंधन द्वारा संविदाकर्मियों की सेवाएं बिना कोई कारण बताए व बिना कोई लाभ दिए समाप्त की जा सकेंगी। संविदाकर्मी भी एक माह पूर्व सूचना देकर अपनी सेवाएं समाप्त कर सकेंगे।
भर्तियों का विरोध करत हुए उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा है कि एक तरफ घाटे की बात करते हुए प्रबंधन कम मानदेय पाने वाले संविदा कर्मियों की छंटनी कर रहा है तो दूसरी तरफ 40 हजार रुपये मानदेय पर सीए व सीएमए संविदाकर्मी की भर्ती करने का निर्णय लिया है। उन्होंने विभागीय संविदा भर्ती के फैसले की सीबीआई जांच कराने की मांग की है। कहा है कि यह आदेश भ्रष्टाचार का संकेत दे रहा है। संविदा भर्ती का मुद्दा नियामक आयोग में भी उठाया गया था जिसका जवाब आज तक पावर कारपोरेशन ने नहीं दिया है।
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