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    यूपी बना 'डिजिटल इंडिया' का इंजन; एक साल में 929 हुई ई-सेवाओं की संख्या, फेसलेस और पेपरलेस गवर्नेंस में नंबर वन

    Updated: Wed, 31 Dec 2025 05:14 PM (IST)

    राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस सेवा वितरण मूल्यांकन (NeSDA) 2025 रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश ने डिजिटल गवर्नेंस में उल्लेखनीय प्रगति की है। मुख्यमंत्री योगी ...और पढ़ें

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    ई-सेवाओं में रिकॉर्ड वृद्धि और शत-प्रतिशत सफलता

    डिजिटल डेस्क, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के 'डिजिटल सुशासन' मॉडल ने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी सफलता की मुहर लगा दी है। राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस सेवा वितरण मूल्यांकन (NeSDA) 2025 की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश ने डिजिटल गवर्नेंस के क्षेत्र में एक लंबी छलांग लगाई है।

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    तकनीक के माध्यम से भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने और सरकारी सेवाओं को जनता के द्वार तक पहुंचाने के योगी सरकार के प्रयासों का परिणाम है कि आज यूपी देश के अग्रणी डिजिटल राज्यों की श्रेणी में मजबूती से खड़ा है। रिपोर्ट बताती है कि प्रदेश ने न केवल सेवाओं की संख्या बढ़ाई है, बल्कि अनिवार्य सेवाओं के मामले में शत-प्रतिशत पूर्णता हासिल कर एक नया मानक स्थापित किया है।

    अनिवार्य ई-सेवाओं में शत-प्रतिशत सफलता

    नेस्डा रिपोर्ट 2025 के अनुसार, देश भर में उपलब्ध कुल 23,934 ई-सेवाओं में उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी 929 सेवाओं की है। सबसे उल्लेखनीय उपलब्धि यह है कि प्रदेश ने 59 अनिवार्य ई-सेवाओं में से सभी 59 को 100% लागू कर दिया है। यह उपलब्धि दर्शाती है कि शासन ने डिजिटल डिलीवरी को अपनी रीढ़ बना लिया है, जिससे आम नागरिक को दफ्तरों के चक्कर काटने से मुक्ति मिली है।

    एकीकृत पोर्टल और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस

    योगी सरकार ने 'निवेश मित्र' और 'ई-डिस्ट्रिक्ट' जैसे प्लेटफॉर्म के जरिए ई-गवर्नेंस को सरल बनाया है। रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश की 88 प्रतिशत ई-सेवाएं अब एकीकृत पोर्टल के माध्यम से उपलब्ध हैं। वर्तमान में 822 से अधिक सेवाएं एक ही स्थान पर निवेशकों और नागरिकों के लिए सुलभ हैं, जिसने प्रदेश में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को जबरदस्त बढ़ावा दिया है।

    एक साल में सेवाओं का विस्तार

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की निरंतर निगरानी का ही परिणाम है कि प्रदेश में ई-सेवाओं की संख्या में रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज की गई है। नवंबर 2024 में जहाँ यह संख्या लगभग 800 थी, वहीं नवंबर 2025 तक यह बढ़कर 929 हो गई है। स्थानीय प्रशासन, जाति, आय, निवास प्रमाण पत्र से लेकर पेंशन और छात्रवृत्ति तक की सेवाएं अब 'फेसलेस' और 'टाइम बाउंड' तरीके से उपलब्ध कराई जा रही हैं।

    डिजिटल माध्यम से शिकायतों का त्वरित समाधान

    सुशासन का एक बड़ा पैमाना नागरिकों की शिकायतों का निस्तारण है। नेस्डा रिपोर्ट के अनुसार, सार्वजनिक शिकायत निवारण प्रणाली में उत्तर प्रदेश देश के उन प्रमुख राज्यों में शामिल है जिन्होंने इस क्षेत्र में पूर्णता हासिल की है। योगी सरकार का यह मॉडल न केवल सेवा प्रदान कर रहा है, बल्कि डिजिटल माध्यम से हर नागरिक की आवाज को सुनकर उसका समाधान भी सुनिश्चित कर रहा है।