घोर लापरवाही, सरकार से 685 करोड़ नहीं ले पा रहे नगरीय निकाय और प्राधिकरण
स्टांप एवं निबंधन विभाग पिछले वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही का 868 करोड़ रुपये और दूसरी तिमाही की किस्त का 917 करोड़ रुपये निकायों सहित सभी को दे चुका है। नियमानुसार पहली तिमाही की धनराशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र उपलब्ध कराए जाने पर ही विभाग तीसरी किस्त के 943.86 करोड़ रुपये जारी कर सकता है।

राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ : भले ही नगरीय निकायों से लेकर विकास प्राधिकरणों को बुनियादी सुविधाओं के लिए भारी-भरकम धनराशि चाहिए और राज्य सरकार पैसा देने को भी तैयार है लेकिन वे ले ही नहीं पा रहे हैं। कारण है कि पिछले वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में दो प्रतिशत अतिरिक्त स्टांप ड्यूटी के दिए गए 868 करोड़ रुपये के उपयोगिता प्रमाण पत्र (यूसी) ही अब तक निकायों व प्राधिकरणों ने स्टांप एवं निबंधन विभाग को उपलब्ध नहीं कराए गए हैं।
दरअसल, शहरी क्षेत्र की अचल संपत्तियों की रजिस्ट्री पर विकास के मद में वसूली जाने वाली दो प्रतिशत अतिरिक्त स्टांप ड्यूटी तय फार्मूले से चार त्रैमासिक किस्तों में नगरीय निकायों, विकास प्राधिकरणों, आवास विकास परिषद को सशर्त देने की व्यवस्था है। स्टांप एवं निबंधन विभाग, पिछले वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही का 868 करोड़ रुपये और दूसरी तिमाही की किस्त का 917 करोड़ रुपये निकायों सहित सभी को दे चुका है।
नियमानुसार पहली तिमाही की धनराशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र उपलब्ध कराए जाने पर ही विभाग तीसरी किस्त के 943.86 करोड़ रुपये जारी कर सकता है। गौर करने की बात यह है कि अधिकारियों की हीलाहवाली के चलते ज्यादातर निकायों से लेकर प्राधिकरणों ने पहली किस्त का यूसी उपलब्ध नहीं कराया है।
ऐसे में सिर्फ 258.49 करोड़ रुपये ही विभाग ने उन निकायों को दिया है जिनके यूसी उपलब्ध कराए गए हैं। इनमें वाराणसी, मुरादाबाद और फिरोजाबाद जैसे नगर निगम हैं। खास बात यह है कि कुछ ने तो चौथी किस्त हासिल करने के लिए दूसरी किस्त की धनराशि खर्च करने संबंधी यूसी भी उपलब्ध करा दी ही है।
विभाग से तीसरी किस्त के न जारी किए गए 685.37 करोड़ रुपये में से 197.57 करोड़ रुपये तो नगर निगमों के ही है। इनमें से सर्वाधिक 47.77 करोड़ रुपये जहां गाजियाबाद नगर निगम के हैं। वहीं लखनऊ के 40.61 करोड़ रुपये हैं। इसी तरह मेरठ के 18.16 करोड़, बरेली के 9.27 करोड़, आगरा के 17.37 करोड़, मथुरा के 15.68 करोड़, अलीगढ़ के 9.31 करोड़, कानपुर के 8.56 करोड़, झांसी के 11.01 करोड़, प्रयागराज के 12 करोड़, गोरखपुर के 5.42 करोड़ व अयोध्या नगर निगम के 2.39 करोड़ रुपये हैं।
यूसी मुहैया कराने में निकायों व प्राधिकरणों की हीलाहवाली पर स्टांप एवं पंजीयन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रवीन्द्र जायसवाल ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि जल्द उपयोगिता प्रमाण पत्र मिल जाएं ताकि तत्काल पूरी धनराशि उन्हें उपलब्ध करा दी जाए। धनराशि मिलने पर वे कार्य करा सकेंगे जिससे मुख्यमंत्री जी की मंशा के अनुरूप शहरवासियों को बेहतर बुनियादी सुविधाएं मिल सकेंगी। इस संबंध में प्रमुख सचिव स्टांप एवं निबंधन अमित गुप्ता ने संबंधित विभागों के प्रमुखों को पत्र लिखा है।
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