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    UP Crime : सीसी कैमरे से होटल में बैठकर गुर्गों की निगरानी करते हैं साइबर क्राइम के सरगना

    Updated: Wed, 30 Jul 2025 02:22 PM (IST)

    Cyber Crime Gangster Monitor Activities पूछताछ में जालसाजों ने पुलिस के सामने चौंकाने वाले राजफाश किए हैं। पुलिस पूछताछ में सामने आया कि जिस मकान में जालसाजी का रैकेट चल रहा था वह पूरी तरह से सीसी कैमरे से लैस था। इसका एक्सेस गिरोह के सरगना और उसके कुछ खास गुर्गों के पास रहता था।

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    सीसी कैमरे से होटल में बैठकर गुर्गों की निगरानी करते हैं साइबर क्राइम के सरगना

    संतोष तिवारी, जागरण, लखनऊ : साइबर क्राइम के सरगना पुलिस को चकमा देने के लिए नए नए तरीके अपना रहे हैं। पुलिस से बचने के लिए गिरोह के सरगना होटल और निजी फ्लैट्स बुक कर वहीं से पूरे रैकेट पर नजर रखते हैं। जरा भी खतरा महसूस हो तो सरगना दूर बैठकर गुर्गों को अलर्ट कर देते हैं साथ ही एक क्लिक में कम्प्यूटर सिस्टम से सारा डाटा डिलीट कर देते हैं। ऐसे में पुलिस को साक्ष्य जुटाने में भी मशक्कत करनी पड़ती है। हाल ही में सुशांत गोल्फ सिटी से पकड़े गए साइबर जालसाजों ने इस बात का राजफाश किया है।

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    सुशांत गोल्फ सिटी की फ्रेंड्स कालोनी से साइबर क्राइम थाने की पुलिस और क्राइम ब्रांच ने एक मकान में छापेमारी कर 15 लोगों को पकड़ा था। इनके पास से कार, नकदी, बड़ी संख्या में मोबाइल समेत अन्य सामान बरामद हुआ था। पूछताछ में जालसाजों ने पुलिस के सामने चौंकाने वाले राजफाश किए हैं।

    पुलिस पूछताछ में सामने आया कि जिस मकान में जालसाजी का रैकेट चल रहा था वह पूरी तरह से सीसी कैमरे से लैस था। इसका एक्सेस गिरोह के सरगना और उसके कुछ खास गुर्गों के पास रहता था। यह लोग पूरे मकान में होने वाली गतिविधि पर लगातार निगरानी करते थे।

    यदि इन्हें पुलिस या किसी अपरिचित के आने की भनक लगती तो सरगना अपने पास से ही लैपटाप का डाटा डिलीट कर देता था। इसके साथ ही लोगों को काल, मैसेज कर उन्हें शिकार बनाने में लगे लड़कों को भी अलर्ट कर दिया जाता था। एक क्लिक से महज एक मिनट के अंदर ही लैपटाप का डाटा डिलीट कर दिया जाता था। इसके बाद उक्त लैपटाप से होने वाले सभी लेनदेन भी रोके जाते थे।

    साइबर क्राइम थाने के इंस्पेक्टर ब्रजेश यादव ने बताया कि गिरोह में कई राज्यों के युवक शामिल हैं, इनके खिलाफ कई राज्यों में मुकदमे भी दर्ज हैं। पूछताछ में कई इनपुट हाथ लगे हैं। जालसाजों के काम करने के तरीके पर जांच कर इनके गिरोह का नेटवर्क भी खंगाला जा रहा है।

    दलालों ने कराई थी भर्ती

    पूछताछ में यह भी पता चला है कि जालसाजों को एक कंपनी में टेलीकॉलिंग की नौकरी बताकर काम पर रखा गया था। सभी की भर्ती दलालों ने कराई थी। ऐसे में पुलिस दलालों के साथ ही भर्ती के रैकेट में शामिल लोगों को भी तलाश रही है।