UP News: बुजुर्ग मां-बाप को सताने वाली संतानें संपत्ति से होंगी बेदखल, कैबिनेट की बैठक में आज हो सकता है फैसला
नियमावली में संशोधन के बाद वरिष्ठ नागरिक अपनी संपत्ति से संतानों एवं रिश्तेदारों की बेदखली के लिए एसडीएम की अध्यक्षता में गठित अधिकरण में आवेदन कर सकेंगे। अगर वरिष्ठ नागरिक स्वयं आवेदन करने में असमर्थ हैं तो कोई संस्था भी उनकी ओर से ऐसा आवेदन दाखिल कर सकती है। अधिकरण को यह अधिकार होगा कि वो बेदखली का आदेश जारी कर सके।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार (यानी आज) शाम चार बजे कैबिनेट की बैठक होने जा रही है। इसमें उत्तर प्रदेश माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण पोषण तथा कल्याण नियमावली-2014 में संशोधन का प्रस्ताव आ सकता है। समाज कल्याण विभाग के इस प्रस्ताव में बुजुर्ग मां-बाप या वरिष्ठ नागरिकों पर अत्याचार करने वाली संतानों एवं रिश्तेदारों को संपत्ति से बेदखल करने की प्रक्रिया और आसान बनाया जा रहा है।
बदलेगी इस कानून की रूपरेखा
नियमावली में संशोधन के बाद वरिष्ठ नागरिक अपनी संपत्ति से संतानों एवं रिश्तेदारों की बेदखली के लिए एसडीएम की अध्यक्षता में गठित अधिकरण में आवेदन कर सकेंगे। अगर वरिष्ठ नागरिक स्वयं आवेदन करने में असमर्थ हैं तो कोई संस्था भी उनकी ओर से ऐसा आवेदन दाखिल कर सकती है। अधिकरण को यह अधिकार होगा कि वो बेदखली का आदेश जारी कर सके।
कोई व्यक्ति आदेश जारी होने के 30 दिनों के अंदर वरिष्ठ नागरिक की संपत्ति से बेदखली आदेश को नहीं मानता है तो अधिकरण उस संपत्ति पर पुलिस की मदद से कब्जा कर सकता है। अधिकरण ऐसी संपत्ति को बाद में बुजुर्ग को सौंप देगा। अधिकरण के आदेश के खिलाफ वरिष्ठ नागरिक जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित अपीलीय अधिकरण में भी अपील कर सकेंगे।
पांच लाख रुपये मुआवजा देने का प्रस्ताव
इसके अलावा प्रदेश सरकार 17 नगर निगमों समेत 19 शहरों में ई-बसें चलाने जा रही है। ये बसें पीएम ई-बस सेवा योजना के तहत चलाई जाएंगी। नगर विकास विभाग के इस प्रस्ताव पर भी मंगलवार को कैबिनेट से निर्णय होने की उम्मीद है। प्रस्ताव के मुताबिक बड़े शहरों में 150-150, मध्यम शहरों में 100-100 और छोटे शहरों में 50-50 बसें चलाई जाएंगी।
प्रदेश में बन रहे एक्सप्रेस-वे के किनारे औद्योगिक गलियारों के विकास तथा गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे, गंगा एक्सप्रेस-वे को आगे बढ़ाने से संबंधित प्रस्तावों को भी हरी झंडी मिल सकती है। सड़क दुर्घटना में यात्रियों की मृत्यु होने पर आश्रितों को पांच लाख रुपये मुआवजा देने का प्रस्ताव भी आ सकता है। अभी इन्हें कम मुआवजा मिलता है।
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