यूपी में ब्राह्मण विधायकों की बैठक से गरमाई राजनीति, सपा ने दिया ऑफर; क्या BJP के लिए चिंता की बात?
उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण विधायकों की बैठक ने राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है। समाजवादी पार्टी (सपा) ने इस समुदाय को एक प्रस्ताव दिया है, जिससे राजनीति ...और पढ़ें

कुशीनगर के भाजपा विधायक घर पर जुटे लगभग 40 सजातीय विधायक
विधानमंडल सत्र के दौरान बैठक के एजेंडे को लेकर शुरू हुए कयासों का दौर
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने किया तंज, शिवपाल यादव ने दिया भाजपा विधायकों को ऑफर
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। सर्द मौसम और विधानमंडल सत्र के दौरान ब्राह्मण विधायकों की बैठक ने प्रदेश की राजनीति को गरमा दिया है। भाजपा विधायक अधिकृत रूप से भले ही इसे सामाजिक बता रहे हों, परंतु इसमें राजनीतिक अपेक्षाओं पर चर्चा होने के कयास लग रहे हैं।
पिछले दिनाें क्षत्रिय जनप्रतिनिधियों और उसके बाद कुर्मी समाज की भी बैठकें हो चुकी है, ऐसे में इन कयासों को बल मिल रहा है। विरोधी पहले ही भाजपा में ब्राह्मणों की उपेक्षा के सवाल उठाते रहे हैं। माना जा रहा है कि बैठक के जरिए दल से लेकर सरकार तक को एकजुटता का संदेश देने की कोशिश की गई है।
वहीं, सपा के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल यादव ने भाजपा विधायकों को अपनी पार्टी में आने का आफर दिया है। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी एक्स पर पोस्ट कर तंज किया है।
कुशीनगर के भाजपा विधायक पंचानंद पाठक के राजधानी स्थित आवास पर मंगलवार को यह बैठक हुई थी। बताया जा रहा है कि बैठक में भाजपा के लगभग 40 ब्राह्मण विधायक व विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) शामिल हुए, जिनमें अधिकांश बुंदेलखंड और पूर्वांचल के थे। अन्य दलों के ब्राह्मण विधायक भी बैठक का हिस्सा बने।
बैठक में समाज की एकजुटता बढ़ाने और इसका स्पष्ट संदेश देने पर चर्चा हुई। पिछले कुछ समय से राजनीति दलों, उनके नेताओं आदि द्वारा समाज को निशाना बनाने का मुद्दा उठाया गया। पिछले दिनाें हुई समाज से संबंधित घटनाओं पर बात हुई।
भाजपा की सफलता के पीछे ब्राह्मणों की बड़ी भूमिका होने के बावजूद पार्टी संगठन से लेकर सरकार तक में उचित प्रतिनिधित्व व सम्मान न मिलने के मुद्दे पर भी चर्चा की गई। सूत्रों के मुताबिक, ब्राह्मणों के मुकाबले दूसरी जातियों को ज्यादा तवज्जो देने का भी सवाल उठा।
बैठक में शामिल होने वालों में मीरजापुर विधायक रत्नाकर मिश्रा, शलभ मणि त्रिपाठी, ऋषि त्रिपाठी, प्रेमनारायण पांडेय, प्रकाश द्विवेदी, रमेश मिश्रा, अंकुर राज तिवारी व विनय द्विवेदी, एमएलसी साकेत मिश्रा आदि शामिल थे।
हालांकि बैठक के संबंध में आयोजक विधायक पंचानंद पाठक ने बताया कि पूरे प्रदेश के ब्राह्मण जनप्रतिनिधियों संग एक भोज कार्यक्रम मेरे आवास पर था। इसमें भूमिहार बिरादरी के जनप्रतिनिधि भी शामिल हुए। आपस में चर्चा की गई।
कुछ गंभीर विषयों पर भी चर्चा हुई। एक दूसरे के सुख-दुख में मजबूती से शामिल होने की बात हुई। एक औपचारिक वार्ता हुई और सामान्य घर परिवार का भोज था। इसका कोई राजनीतिक लेना देना नहीं है।
प्रकरण को लेकर सपा प्रमुख ने एक्स पर लिखा कि जब बड़े लोग आ ही रहे हैं तो मुख्यमंत्री जी उनको उस भोज से भी अवगत करा दें, जो उनके खिलाफ विधायकों ने आयोजित किया था। वहीं शिवपाल यादव ने बुधवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि मीडिया से ही पहले पता चला था कि पिछले सत्र में भी किसी वर्ग की बैठक बुलाई गई थी। भाजपा के लोग जातिवाद बांटते हैं। अगर भाजपा से नाराज ब्राह्मण विधायक सपा में आ जाएं, पूरा सम्मान मिलेगा।

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