असिस्टेंट प्रोफेसर परीक्षा में फर्जीवाड़ा, सहायक प्रोफेसर ने फर्जी पेपर 35 लाख में बेचा; लखनऊ STF ने तीन को पकड़ा
लखनऊ एसटीएफ ने सहायक प्रोफेसर परीक्षा के फर्जी प्रश्न पत्र बनाकर ठगी करने वाले गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है। इनमें गोंडा के डिग्री कॉलेज का एक सहायक प्रोफेसर भी शामिल है। आरोपियों से 12 लाख रुपये नकद और अन्य दस्तावेज बरामद हुए हैं। यह गिरोह अभ्यर्थियों को फर्जी प्रश्न पत्र देकर उनसे मोटी रकम वसूलता था। अन्य आरोपियों की तलाश जारी है।

जागरण संवाददाता, लखनऊ। एसटीएफ ने रविवार को असिस्टेंट प्रोफेसर परीक्षा के फर्जी प्रश्न पत्र बनाकर ठगी करने वाले गिरोह के तीन सदस्यों को वेव माल के पास से गिरफ्तार किया। तीनों में एक आरोपित गोंडा के डिग्री कालेज का सहायक प्रोफेसर है। आरोपितों के पास से एसटीएफ ने 12 लाख की नकदी, कार व अन्य दस्तावेज बरामद किए हैं। इसके साथ गिरोह से जुड़े अन्य लोगों की तलाश की जा रही है।
पुलिस उपाधीक्षक दीपक कुमार सिंह ने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपित अयोध्या के हैदरगंज निवासी बैजनाथ, विनय कुमार पाल और अयोध्या के पूरा कलंदर निवासी महबूब अली हैं। उप्र शिक्षा सेवा चयन आयोग, प्रयागराज की तरफ से 16 व 17 अप्रैल को सहायक प्रोफेसर के पद के लिए परीक्षा आयोजित की गई थी।
इसी से जुड़ी सूचना मिली कि वेव सिनेमा हॉल के पीछे कुछ लोग परीक्षा में प्रश्न न आने व रुपये के लेन-देन को लेकर विवाद कर रहे हैं। तीनों को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में बैजनाथ पाल ने बताया कि वह गोंडा के लाल बहादुर शास्त्री, डिग्री कॉलेज में राजनीतिक शास्त्र का सहायक प्रोफेसर है।
भारी मात्रा में वसूलते हैं रुपये
उसने बताया कि सहायक प्रोफेसर पद की परीक्षा के अभ्यर्थियों को महबूब अली द्वारा तैयार किए गए फर्जी प्रश्न-पत्र देकर उनसे भारी मात्रा में रुपये वसूले जाते हैं। उसकी कपिल कुमार व सुनील को प्राणि-विज्ञान विषय का पेपर देने की बात तय हुई थी। जिसके लिए उसने एक पेपर तैयार कराके कपिल कुमार को अपने भाई विनय पाल से पढ़वाया था। जिसे पढ़वाने के बाद उसने कपिल से वह पेपर ले लिया और जला दिया था, जिससे कोई सबूत न बचे।
35 लाख प्रति व्यक्ति पर बात हुई थी तय
कपिल व सुनील से अब तक कुल लगभग 12 लाख रुपये लिया है, जबकि 35 लाख रुपये प्रति व्यक्ति की बात तय हुई थी। परीक्षा देने के बाद दोनों (कपिल व सुनील) पहले से दिए रुपये भी वापस मांगने लगे थे, क्योंकि उनका कहना है कि बैजनाथ ने जो प्रश्न पत्र दिखाया था उससे जुड़े प्रश्न नहीं आए थे।
उसने कहा था कि सारे प्रश्न आएंगे। बरामद पैसों के बारे में बताया कि यह दस लाख रुपये उसके हिस्से के हैं, जो कपिल व सुनील से उसके भाई विनय पाल ने रायबरेली में जाकर प्रश्न-पत्र देने के नाम पर लिया था। बाकी दो लाख में से एक लाख महबूब अली व एक लाख विनय के हिस्से का है।
गिरोह से जुड़े अन्य लोगों की तलाश की जा रही
एसटीएफ ने बताया कि गिरोह में और भी लोग जुड़े हैं। कई लोगों को प्रश्न पत्र के बारे में जानकारी दी गई थी। आरोपितों से पूछताछ कर उनकी तलाश की जा रही है। जल्द ही अन्य लोगों की गिरफ्तारी की जाएगी।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।