यूपी में प्रदूषित हवा साफ करने के लिए खर्च होंगे 2700 करोड़ रुपये, विश्व बैंक ने की बड़ी मदद
उत्तर प्रदेश में प्रदूषित हवा को साफ़ करने के लिए विश्व बैंक 30 करोड़ डॉलर की मदद देगा, जो लगभग 2700 करोड़ रुपये है। यह धनराशि 2030 तक खर्च होगी। इस क ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश में प्रदूषित हवा को साफ करने के लिए विश्व बैंक प्रदेश सरकार को 30 करोड़ डॉलर (लगभग 2700 करोड़ रुपये) की बड़ी मदद करेगा। यह धनराशि वर्ष 2030 तक खर्च की जाएगी। विश्व बैंक के बोर्ड ने प्रदेश को दी जाने वाली इस वित्तीय मदद को स्वीकृति प्रदान कर दी है। स्वच्छ हवा का सकारात्मक प्रभाव पड़ोसी राज्यों पर भी पड़ेगा।
प्रदेश सरकार ने विश्व बैंक की मदद से स्वच्छ वायु प्रबंधन कार्यक्रम बनाया है। कार्यक्रम के तहत वर्ष 2030 तक परिवहन, कृषि और उद्योग जैसे प्रमुख क्षेत्रों में निवेश कर सरकार स्वच्छ वायु प्लान को मजबूती देगी। लगभग 39 लाख परिवारों को स्वच्छ खाना पकाने के साधन उपलब्ध कराए जाएंगे।
स्वच्छ परिवहन के लिए 15 हजार इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर और 500 इलेक्ट्रिक बसें मुहैया कराई जाएंगी। बसें मुख्य रूप से लखनऊ, कानपुर, वाराणसी और गोरखपुर आदि शहरों में चलाई जाएंगी। शहरी क्षेत्रों में ई-मोबिलिटी को बढ़ावा दिया जाएगा। 13,500 प्रदूषणकारी भारी वाहनों को कम उत्सर्जन वाले वाहनों से बदलने के लिए प्रोत्साहन योजनाएं भी लागू की जाएंगी।
किसानों को पशुधन अपशिष्ट प्रबंधन के बेहतर तरीकों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों को स्वच्छ तकनीक में बदलाव करने में मदद दी जाएगी।
पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रमुख सचिव अनिल कुमार का मानना है कि विश्व बैंक का यह निर्णय यूपी को स्वच्छ, स्वस्थ और आर्थिक रूप से अधिक सक्षम राज्य बनाने की दिशा में एक बड़ी पहल है।
इन छह सेक्टरों में होगा काम
ठोस अपशिष्ट का प्रबंधन, पौधारोपण कर ग्रीन इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास, ट्रांसपोर्ट सेक्टर में सुधार के लिए ई-मोबिलिटी, उद्योगों में क्लीन एनर्जी की आपूर्ति, घरेलू एवं व्यवसायिक स्तर पर कुकिंग के लिए बायोमास व कोयले को हटाना। अमोनिया व मीथेन के उत्सर्जन में कमी लाने के लिए प्राकृतिक खेती व कंप्रेस्ड बायोगैस पर जोर दिया जाएगा।

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