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    यूपी में दिवाली से पहले किसानों को तोहफा, कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए 200 करोड़ की परियोजनाओं को मिली स्वीकृत

    Updated: Tue, 14 Oct 2025 08:57 PM (IST)

    लखनऊ में राज्य कृषि विकास कार्यक्रम के अंतर्गत लगभग 200 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को स्वीकृति मिली है। इन परियोजनाओं का उद्देश्य ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करना और कृषि उत्पादन को बढ़ाना है। मुख्य सचिव एसपी गोयल ने परियोजनाओं को समय पर पूरा करने का निर्देश दिया है। यह पहल कृषि क्षेत्र में विकास को गति देगी और किसानों को लाभान्वित करेगी।

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    कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए 200 करोड़ रुपये की परियोजनाएं स्वीकृत।

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने व कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए मंगलवार को राज्य कृषि विकास कार्यक्रम (एसएडीपी) के तहत करीब 200 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान की गई। मुख्य सचिव एसपी गोयल की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय सेंक्शनिंग कमेटी (एसएलएससी) की बैठक इन परियोजनाओं को हरी झंडी दी गई। मुख्य सचिव ने कहा कि स्वीकृत परियोजनाओं के सभी कार्य निर्धारित समय में पूरा किया जाए।

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    मुख्य सचिव कार्यालय के सभागार में हुई बैठक में कासगंज, बागपत, शामली एवं भदोही में उप कृषि निदेशक कार्यालय भवन एवं मृदा परीक्षण भवन के निर्माण के लिए 18.24 करोड़ रुपये, पूर्व से निर्मित 326 किसान कल्याण केंद्रों की बिजली व्यवस्था व अन्य सुविधाओं के विकास के लिए 21.03 करोड़ रुपये है।

    वहीं, कृषि विभाग के 57 राज्य कृषि प्रक्षेत्रों की 1729.42 हेक्टेयर ऊसर भूमि एवं 1274.68 हेक्टेयर अकृषि योग्य भूमि के विकास के लिए 17.40 करोड़ रुपये की परियोजनाएं स्वीकृत की गईं।

    झांसी व मीरजापुर में इक्रीसेट के माध्यम से 13872 हेक्टेयर व 7996 हेक्टेयर भूमि में जल प्रबंधन एवं फसल पद्धतियों के विकास के लिए 39.08 करोड़ रुपये, मऊरानी (झांसी) में स्थित भूमि संरक्षण प्रशिक्षण केंद्र में हॉस्टल के निर्माण के लिए 5.34 करोड़ रुपये स्वीकृत की गई है।

    इसके साथ ही, नौ जैव उर्वरक उत्पादन प्रयोगशालाओं के आधुनिकीकरण के लिए 5.17 करोड़ रुपये तथा प्रसार प्रशिक्षण एवं ब्यूरो परिसर-लखनऊ में स्टूडियो निर्माण आदि कार्यों के लिए 4.36 करोड़ रुपये की परियोजनाएं स्वीकृत की गईं हैं।

    राज्य कृषि प्रबंध संस्थान-रहमान खेड़ा (लखनऊ) के माध्यम से कृषि यंत्रीकरण एवं सोलर पंप मैकेनिक के प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए 1.91 करोड़ रुपये, पशुपालन विभाग के बक्शी तालाब-लखनऊ स्थित प्रशिक्षण केंद्र के उच्चीकरण के साथ-साथ निबलेट बाराबंकी प्रक्षेत्र एवं निदेशालय परिसर में फार्म पोल्ट्री के विकास के लिए 12.67 करोड़ रुपये की परियोजना को हरी झंडी दी गई।

    उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के माध्यम से कसया-कुशीनगर में केला के पौध उत्पादन के लिए टिशू कल्चर लैब एवं सिगना-आगरा परिक्षेत्र पर हास्टल निर्माण, निदेशालय परिसर-लखनऊ में महिला छात्रावास आदि कार्यों के लिए 36.15 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए हैं।

    रेशम विभाग के राजकीय प्रक्षेत्रों में चार सामुदायिक रेशम कीटपालन केंद्र तथा प्रक्षेत्रों की सुरक्षा के लिए तारबाड़ एवं अंतरराज्यीय कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए 17.63 करोड़ रुपये, सहकारिता विभाग की 12 प्राथमिक साधन सहकारी समितियों पर 100 मीट्रिक टन क्षमता के 12 गोदामों के निर्माण के लिए 5.90 करोड़ रुपये दी गई है।

    वहीं, कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय मेरठ, अयोध्या तथा पीडीडीयू-मथुरा तथा कृषि विज्ञान केंद्र गनीवा-चित्रकूट पर प्राकृतिक खेती के उत्थान के लिए आवासीय प्रशिक्षण केंद्र निर्माण के लिए 11.62 करोड़ रुपये की परियोजना को स्वीकृति दी गई। बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त दीपक कुमार, प्रमुख सचिव पशुधन मुकेश कुमार मेश्राम, प्रमुख सचिव कृषि रविन्द्र आदि उपस्थित थे।

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