UP News: लावारिस बैंक खातों में जमा 7211 करोड़ रुपये का दावेदार कोई नहीं, बैंकों ने आरबीआई को भेजी राशि
उत्तर प्रदेश में 2.81 करोड़ बैंक खातों में जमा 7211 करोड़ रुपये का कोई दावेदार नहीं है। दस वर्षों से लेन-देन न होने के कारण खाते निष्क्रिय घोषित किए गए। बैंकों ने यह धनराशि आरबीआई को भेज दी है। आरबीआई ने बैंकों को खाताधारकों को जागरूक करने के निर्देश दिए हैं ताकि केवाईसी प्रक्रिया पूरी कर खातों को फिर से सक्रिय किया जा सके।

हेमंत श्रीवास्तव, लखनऊ। प्रदेश के 2.81 करोड़ बैंक खातों में जमा 7,211 करोड़ रुपये लेने के लिए कोई भी दावेदार सामने नहीं आया है। पिछले 10 वर्षों में खाते की धनराशि के लिए किसी के दावा न करने पर बैंकों ने संबंधित खातों को निष्क्रिय घोषित कर दिया है।
खातों में जमा धनराशि रिजर्व बैंक आफ इंडिया को भेज दी गई है। बैंक प्रबंधन का मानना है कि बैंकिंग नियमों की सही जानकारी न होने से खाताधारकों या उनके नामिनी के एक तरह से हजारों करोड़ रुपये ‘डूब’ गए हैं।
रिजर्व बैंक आफ इंडिया ने संबंधित खातों के खाताधारकों व उनके स्वजन को जागरूक करने के निर्देश बैंकों को दिए हैं। जिससे इन खाताधारकों से आवेदन के लेकर और केवाईसी की प्रक्रिया पूरी कर खातों को फिर से सक्रिय किया जा सके।
इसके लिए राज्य में तीन महीने का जागरूकता कार्यक्रम शुरू किया गया है। उत्तर प्रदेश राज्य स्तरीय बैंकर्स कमेटी (एसएलबीसी) के संयोजक व बैंक आफ बड़ौदा के अंचल प्रमुख शैलेंद्र कुमार सिंह के मुताबिक दस साल से जिन खातों में कोई लेन-देन नहीं होता है, उन्हें निष्क्रिय घोषित कर दिया जाता है।
भविष्य में यदि कोई दावा करता है तो बैंक उनसे आवदेन लेने के साथ ही केवाईसी अपडेट करेंगे। इसके बाद बैंक द्वारा आरबीआइ को इन खातों को फिर से सक्रिय घोषित करने का पत्र भेजा जाएगा। इस प्रक्रिया के बाद निष्क्रिय खाते फिर से सक्रिय हो जाएंगे।
इस समय बैंकों द्वारा गांवों में जागरूकता शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। ये शिविर 30 सितंबर तक चलेंगे। जागरूकता अभियान के तहत ग्रामीणों को डेफ खातों को सक्रिय कराने, जनधन खाता खुलवाने, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, अटल पेंशन योजना आदि के प्रति जागरूक किया जा रहा है।
खाताधारक, इन बातों का रखें ध्यान
- छह महीने में खाते से न्यूनतम एक बार धन की निकासी जरूर कर लें।
- बैंकों से सूचना मिलने पर खाते से सबंधित केवाईसी प्रक्रिया पूरी करें।
- खाताधारक अपने बैंक खातों में नामिनी की घोषणा जरूर करें।
- खाताधारक के दिवगंत होने पर यदि नामिनी नहीं है तो स्वजन बैंक द्वारा मांगे गए साक्ष्यों के साथ दावा करें।
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