Aadhaar Registration: अब आधार पंजीयन होगा और जल्दी, अधिक सुरक्षित रहेगा डाटा
यूआईडीएआई ने उत्तर प्रदेश में आधार पंजीकरण प्रक्रिया को सुव्यवस्थित किया है। लगभग 14000 आधार पंजीकरण मशीनों के सॉफ्टवेयर को अपग्रेड किया जा रहा है जिससे यह ऑनलाइन मोड में काम करेगा। इससे पंजीकरण प्रक्रिया तेज होगी डेटा अधिक सुरक्षित रहेगा और जन्म प्रमाण पत्र का तुरंत सत्यापन हो सकेगा। यह अपग्रेड सुरक्षा और दक्षता बढ़ाने के लिए किया गया है।

महेन्द्र पाण्डेय, जागरण, लखनऊ। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआइडीएआइ) ने प्रदेश में आधार पंजीयन की व्यवस्था में सुधार किया है। प्रदेश में लगभग 14 हजार आधार पंजीयन उपकरण संचालित हैं। इनके साफ्टवेयर को अपग्रेड किया जा रहा है।
अब यह साॅफ्टवेयर ऑनलाइन मोड पर चलेगा। पहले ऑफलाइन या ऑफलाइन मोड का विकल्प चुनना पड़ता था। इससे आधार पंजीयन जल्दी होगा और लोगों का डाटा अधिक सुरक्षित रहेगा। विशेष बात है कि इस साफ्टवेयर पर पंजीयन के साथ ही लोगों का जन्म प्रमाण पत्र तुरंत स्वत: सत्यापित हो जाएंगे। 10 वर्षों बाद यूआइडीएआइ ने साफ्टवेयर अपग्रेड किया है।
पुराना साफ्टवेयर एनरालमेंट क्लाइंट मल्टीपल प्लेटफार्म (ईसीएमपी) भी सुरक्षित था, लेकिन अपग्रेड साफ्टवेयर यूनिवर्सल क्लाइंट (यूसी) में सिक्योरिटी फीचर अधिक हैं। हालांकि आधार के सिस्टम हैक होने की घटना पहले कभी नहीं हुई है, लेकिन अपग्रेड साफ्टवेयर से यह और सुरक्षित हो जाएगा। सबसे बड़ी सुविधा यह होगी कि आधार बनाते ही अभिलेखों का सत्यापन हो जाएगा।
अभी जन्म प्रमाण पत्र ही सत्यापित किया जा रहा है। भविष्य में वोटर आइडी और पैन कार्ड आदि सही है या नहीं, यह भी पता किया जा सकेगा। किसी ने मैंडेटरी बायोमीट्रिक अपडेट (एमबीयू) कराया है या नहीं, इस साफ्टवेयर से ये पहले ही पता चल जाएगा।
इससे लोग पहले अनिवार्य बायोमीट्रिक अपडेट कराएंगे। उसके बाद बाकी अपडेट कर सकेंगे। इससे एक तो समय कम लगेगा। लोगों के आवेदन रिजेक्ट नहीं होंगे और पैसा भी बेकार नहीं जाएगा।
यह भी पढ़ें- आधार कार्ड जरूर करा लें अपडेट, बच्चों को नहीं मिलेंगे ये लाभ, स्कूल में भी होगी परेशानी
एमबीयू बिना नहीं हो सकता आधार अपडेट
पांच व 15 वर्ष की आयु के बच्चों का अनिवार्य बायोमीट्रिक अपडेट यानी एमबीयू किया जाता है। एमबीयू न होने पर किसी का आधार अपडेट नहीं हो सकता। पहले के साफ्टवेयर में यह पता नहीं चलता था और लोग आधार अपडेट का फार्म भर कर प्रक्रिया पूरी कर चले जाते थे। बाद में जब फार्म रिजेक्ट कर दिया जाता था तब पता चलता था कि उन्होंने एमबीयू नहीं कराया है। नए साफ्टवेयर में यह पहले ही पता चल जाएगा।
साफ्टवेयर को ईसीएमपी से यूसी में अपग्रेड किया जा रहा है। वर्तमान में आपरेटर के पास ईसीएमपी या यूसी के माध्यम से काम करने का विकल्प है। कुछ समय बाद इसे पूरी तरह से यूसी मोड में स्थानांतरित कर दिया जाएगा। पहले भी आपरेटर को आफलाइन या आनलाइन मोड में काम करने का विकल्प चुनना पड़ता था, लेकिन यूसी आनलाइन मोड पर ही चलेगा। इससे आधार अपडेट में समय कम लगेगा। - प्रशांत कुमार सिंह, उप महानिदेशक, भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।