UP News: पौधारोपण की अब 3 वर्ष तक लगातार होगी जांच, वन विभाग की अनुश्रवण इकाई को सौंपी गई जिम्मेदारी
UP News यूपी सरकार ने पिछले छह वर्षों में करीब 135 करोड़ पौधारोपण किया है। पौधों की जांच के लिए वन विभाग की अनुश्रवण इकाई को भी लगाने का निर्णय हुआ है। अभी तक जांच के नाम पर जो खानापूर्ति होती थी वह भी अब नहीं चलेगी।

UP News: लखनऊ, राज्य ब्यूरो। उत्तर प्रदेश सरकार हरियाली बढ़ाने के लिए हर वर्ष बड़ी संख्या में पौधारोपण करवाती है। पौधे लगाने के बाद यह अधिक संख्या में बचे रहें इसके लिए भी कई तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। भारतीय वन सर्वेक्षण से थर्ड पार्टी जांच कराने के साथ ही वन विभाग अपनी अनुश्रवण इकाई को भी इस महत्वपूर्ण काम में लगाने जा रहा है। अब पौधारोपण की लगातार तीन वर्ष तक जांच की जाएगी।
छह वर्षों में करीब 135 करोड़ पौधारोपण
योगी सरकार ने पिछले छह वर्षों में करीब 135 करोड़ पौधारोपण किया है। इसी वर्ष मानसून सीजन में 35 करोड़ पौधे लगाए गए हैं। पौधों की जांच के लिए वन विभाग की अनुश्रवण इकाई को भी लगाने का निर्णय हुआ है। अभी तक जांच के नाम पर जो खानापूर्ति होती थी वह भी अब नहीं चलेगी। प्रदेश में इसकी 11 यूनिट हैं। इसमें रेंज अफसर से लेकर अधिकारी व कर्मचारी अलग होते हैं।
अनुश्रवण इकाई को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी
वन विभाग की अनुश्रवण इकाइयां पूरी तरह स्वतंत्र रूप से काम करती हैं। इसी अनुश्रवण इकाई को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देते हुए पौधारोपण स्थल की लगातार तीन वर्ष तक जांच कराने का निर्णय लिया गया है। इसके बाद छठे वर्ष फिर से पौधारोपण स्थल की जांच की जाएगी।
रेंडम तकनीक से होगा स्थल का चयन
इस बार जांच से पहले स्थल चयन में तकनीक का भी प्रयोग किया जाएगा। कंप्यूटर से रेंडम तकनीक का इस्तेमाल करते हुए स्थल चयन किया जाएगा। सेटेलाइट तस्वीरों के जरिये उन स्थानों का चयन किया जाएगा जहां हरियाली कम दिख रही होगी। प्रदेश भर में पौधारोपण की जांच का काम फरवरी तक चलेगा। जहां भी गड़बड़ियां मिलेंगी संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
जहां की शिकायतें वहां होगी जांच
प्रधान मुख्य वन संरक्षक मूल्यांकन एवं कार्य योजना कमलेश कुमार ने बताया कि पौधारोपण की जांच को अंतिम रूप देने के लिए मुख्यालय स्तर पर जल्द ही एक बैठक होने जा रही है। 15 अक्टूबर के बाद अनुश्रवण इकाई जांच के लिए फील्ड में निकल जाएंगी। किसी भी इकाई को पहले यह पता नहीं होगा कि उन्हें कहां की जांच करनी है। कंप्यूटर के जरिये ही स्थल चयन होगा। जहां भी हरियाली घटने की शिकायतें हैं वहां सबसे पहले जांच कराई जाएगी।
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