Updated: Fri, 12 Sep 2025 03:15 PM (IST)
मोहनलालगंज में प्रसव के बाद एक महिला की हालत बिगड़ने पर उसे पांच अस्पतालों में रेफर किया गया जहाँ उसे सही इलाज नहीं मिल सका और रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। परिजनों ने सीएचसी में लापरवाही का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया। महिला को पेशाब न होने पर हालत बिगड़ी थी। अधीक्षक ने जांच का आश्वासन दिया है।
संवाद सूत्र, मोहनलालगंज। डिलीवरी के बाद हालत बिगड़ने पर एक प्रसूता को लेकर उपचार के लिए परिवारीजन शहर के पांच अस्पतालों के चक्कर काटते रहे। हर जगह महिला को दूसरे अस्पताल रेफर कर दिया गया। इस बीच हालत इतनी नाजुक हुई की रास्ते में प्रसूता की सांसें थम गईं। परिवारीजन ने मोहनलालगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में महिला के उपचार में लापरवाही का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया।
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मोहनलालगंज के उत्तर गांव स्थित राधाकृष्ण खेड़ा निवासी मजदूर विनय कुमार ने नौ महीने की गर्भवती पत्नी संजू 31 वर्ष को प्रसव पीड़ा के बाद बुधवार को मोहनलालगंज सीएचसी में भर्ती कराया था। यहां आपरेशन के बाद महिला ने बेटी को जन्म दिया। गुरुवार सुबह संजू को पेशाब नहीं होने पर परिवारीजनों ने इसकी सूचना मौके पर तैनात डॉक्टर को दी। डॉक्टर संगीता चौहान ने प्रसूता को पानी पिलाने के लिए कहा। इसके बाद संजू का पेट फूलने लगा और हालत बिगड़ती देख अस्पताल की डॉक्टर आनन-फानन में उसे एपेक्स ट्रामा रेफर कर दिया।
परिवार प्रसूता संजू को लेकर पहले एपेक्स ट्रामा गए। यहां से क्वीन मेरी रेफर कर दिया गया। क्वीन मेरी पहुंचते ही महिला को मेडिकल कॉलेज भेज दिया गया। मेडिकल कॉलेज से ट्रामा सेंटर जाने को कहा गया। ट्रामा सेंटर में ऑक्सीजन न होने की बात कहकर महिला को बलरामपुर अस्पताल जाने के लिए कहा गया। इस बीच प्रसूता की हालत नाजुक हो रही थी। ट्रामा सेंटर से निकलकर बलरामपुर अस्पताल जाते हुए रास्ते में महिला की मौत हो गई। वापस लौटने पर परिवारीजन ने मोहनलालगंज सीएचसी पर उपचार में लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए अपनी नाराजगी जाहिर की। अधीक्षक डॉक्टर दिवाकर ने बताया कि घरवालों से वार्ता की जा रही है।
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