डीजीपी के लिए चुनौती भरे होंगे सेवा विस्तार के तीन माह
सात अक्टूबर से सहकारी समितियों के चुनाव की अधिसूचना जारी है, प्रदेश में करीब सात हजार प्रारंभिक कृषि ऋण समितियों की प्रबंध समिति का चुनाव होना है।
लखनऊ (राज्य ब्यूरो)। डीजीपी सुलखान सिंह को तीन माह का सेवा विस्तार मिल गया है। उन्हें उत्तर प्रदेश पुलिस के मुखिया की कमान सौंपी गई तो अपराध और कानून-व्यवस्था के मोर्चे पर बेहतर करने की कोशिश जरूर की लेकिन, उनकी असली परीक्षा अब होनी है। अक्टूबर से लेकर दिसंबर तक सहकारी समितियों और निकायों के चुनाव होने हैं। जाहिर है कि आने वाले ये तीन माह उनके लिए चुनौती भरे होंगे।
पिछली सरकार में महत्वहीन पदों पर तैनात किए गए सुलखान सिंह को आखिरी कुछ समय जरूर प्रशिक्षण निदेशालय की जिम्मेदारी मिली लेकिन, मुख्यधारा में काम करने का अवसर भाजपा सरकार बनने के बाद ही मिला।
सुलखान को 21 अप्रैल को डीजीपी बनाया गया। 30 सितंबर यानी शनिवार को उनका कार्यकाल पूरा हो रहा था। इसके पहले शुक्रवार को सुबह विदाई परेड के बावजूद शाम को उनको सेवा विस्तार मिल गया। सरकार ने उन्हें सेवा विस्तार दिया है तो, उनसे बेहतर की अपेक्षा भी है।
सात अक्टूबर से सहकारी समितियों के चुनाव की अधिसूचना जारी है। प्रदेश में करीब सात हजार प्रारंभिक कृषि ऋण समितियों की प्रबंध समिति का चुनाव होना है। अभी तक इन समितियों पर सपा का कब्जा रहा है लेकिन, भाजपा ने अपने वर्चस्व के लिए नियमों में कई बदलाव किए हैं।
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चुनाव के दौरान दोनों पक्षों के लोग अपनी-अपनी ताकत लगाएंगे। ऐसे में कानून-व्यवस्था को लेकर पल-पल सतर्कता बरतनी पड़ेगी। सहकारी समितियों के चुनाव से बड़ी चुनौती निकाय चुनावों की है। 16 नगर निगम समेत कुल 653 स्थानीय निकाय और 8500 वार्डों में चुनाव होने हैं।
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