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    Dev Diwali 2022: इस साल देव दीपावली पर चंद्र ग्रहण का साया, राशि के अनुसार करें दान मिलेगी तरक्की

    By Jitendra Kumar UpadhyayEdited By: Vikas Mishra
    Updated: Sat, 22 Oct 2022 09:47 AM (IST)

    Dev Diwali 2022 कार्तिक पूर्णिमा पर खंडग्रास चंद्र ग्रहण आठ नवंबर को दिन 2 39 से शाम 619 बजे तक रहेगा। यह चंद्र ग्रहण मेष राशि और भरणी नक्षत्र में लगेगा। सूर्य ग्रहण के शुभ प्रभाव हेतु सूर्य को जल चढ़ाएं और गायत्री मंत्र का जाप करें।

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    Dev Diwali 2022: कार्तिक मास की अमावस्या-पूर्णिमा पर ग्रहण लग रहा है

    Dev Diwali 2022: लखनऊ, [जितेंद्र उपाध्याय]। कार्तिक मास की अमावस्या-पूर्णिमा पर ग्रहण लग रहा है। दीपावली के दूसरे दिन 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण होेने से मंदिर के कपाट बंद रहेंगे तो आठ नवंबर को देव दीपावली (कार्तिक पूर्णिमा) पर चंद्र ग्रहण लगेगा। 25 अक्टूबर को होने वाला खंडग्रास सूर्यग्रहण दोपहर 2:28 बजे से शाम 6:33 बजे तक रहेगा, लेकिन भारत में ग्रहण का स्पर्श शाम 4:42 पर और मोक्ष शाम 5:22 बजे होगा। आचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि यह ग्रहण भारत में थोड़े समय के लिए ही दिखेगाय होगा और ग्रसतास्त होगा अर्थात ग्रहण की समाप्ति के पूर्व ही सूर्य अस्त हो जाएगा। भारत के अलावा यह ग्रहण यूरोप, मध्य पूर्व , उत्तरी अफ्रीका, पश्चिम एशिया सहित कई देशों में दिखेगा।

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    भारत के उत्तर पूर्व के कुछ क्षेत्रों (इम्फाल, कोहिमा, डिब्रूगढ़ को छोड़कर ) पूरे भारत में दिखाई देगा। इसका सूतक ग्रहण शुरू होने से 12 घंटे पहले तक लग जाता है। इसलिए 25 अक्टूबर को सुबह 4:42 बजे से सूर्य ग्रहण का सूतक शुरू होगा। सूर्य ग्रहण तुला राशि एवं स्वाति नक्षत्र में लग रहा है। अत : तुला राशि वालों के लिए अशुभफलप्रद रहेगा। मेष, मिथुन, कर्क ,कन्या वृश्चिक, कुंभ , मीन राशि के लिए भी शुभ नहीं है। सूर्य ग्रहण के दौरान तुला राशि में चार ग्रहों की युति होगी। सूर्य के साथ ही तुला राशि में केतु, शुक्र और चंद्रमा भी विराजमान रहेंगे। राहु और शनि की दृष्टि भी सूर्य पर होगी।

    तुला में शुक्र के होने से सूर्य का नीचभंग भी हो रहा है। ग्रहण से पहले तुलसी के पत्ते को खाने की वस्तुओं में रख दें। ऐसा करने से भोजन पर भी ग्रहण का प्रभाव नहीं पड़ता है। सूर्य ग्रहण के दौरान देवी-देवताओं के बीज मंत्र भगवान विष्णु, गायत्री मंत्र अथवा महामृत्युंजय मंत्र का जाप जरूर करना चाहिए। ग्रहण का प्रभाव कम हो जाता है। ग्रहण काल में गर्भवतियां अपने पास कुश और गंगा जल रखे और मंत्रों का जाप मन में करे। भगवान की प्रतिमा का स्पर्श न करें। दीपावली की रात को एवं ग्रहणकाल को मंत्र साधना, तंत्र साधना सिद्धि के लिए के लिए बहुत ही उत्तम माना गया है। इस समय मंत्र साधना, तंत्र साधना जल्द सफल होती है।

    आवार्य शक्तिधर त्रिपाठी ने बताया कि कार्तिक पूर्णिमा पर खंडग्रास चंद्र ग्रहण आठ नवंबर को दिन 2 :39 से शाम 6:19 बजे तक रहेगा। यह चंद्र ग्रहण मेष राशि और भरणी नक्षत्र में लगेगा। सूर्य ग्रहण के शुभ प्रभाव हेतु सूर्य को जल चढ़ाएं और गायत्री मंत्र का जाप करें। मेदनी ज्योतिष के अनुसार एक माह में दो ग्रहण का होना अशुभफलप्रद माना जाता है। यह न केवल आमजन वरन सत्ता पक्ष के लिए शुभ नहीं कहा जा सकता। प्रकाश के पर्व पर ये ग्रहण विश्वस्तर पर भी यूरोप ,पश्चिम एशिया आदि देशो में ऊर्जा संकट का सामना करना पड़ सकता है।

    ग्रहण में राशि के अनुसार करें उपाय

    • मेष राशि- शिव चालीसा का पाठ करें और तिल व गुड़ का दान करें।
    • वृषभ राशि- गरीबों को कंबल और ऊनी वस्त्रों का दान करें।
    • मिथुन राशि- ग्रहण के बाद चीटियों को पंजीरी और गाय को हरा चारा खिलाएं, अवश्य लाभ होगा।
    • कर्क राशि- गुड़ और शहद का दान करें इससे लाभ मिलेगा।
    • कन्या राशि-ग्रहण के बाद गुड़ ,तिल और अनाज का दान करें इससे घर में सुख समृद्धि आएगी।
    • तुला राशि- किसी धार्मिक स्थल की यात्रा करें और गरीबों को ऊनी कपड़ों व गेहूं का दान करें।
    • वृश्चिक राशि के जातकों को सफेद तिल, गुड़, दूध और गेहूं का दान करें
    • कुंभ राशि के जातक शहद, गुड़ और तिल का दान करें।
    • मीन राशि-घी, शहद, तिल, गुड़ का दान करें। ये आपके लिए लाभदायक रहेगा।