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    'जल जीवन' मिशन परियोजनाओं की गुणवत्ता पर रहेगा विशेष ध्यान, CM योगी ने थर्ड पार्टी सत्यापन के दिए निर्देश

    Updated: Mon, 02 Dec 2024 06:48 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जल जीवन मिशन परियोजनाओं के कार्यों का थर्ड पार्टी सत्यापन कराने के निर्देश दिए हैं। इस कदम का उद्देश्य परियोजनाओं की गुणवत्ता और समयबद्धता सुनिश्चित करना है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि हर परियोजना के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाएं जो स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ समन्वय बनाकर सभी काम समय से पूरा कराएं।

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    सीएम योगी ने जल जीवन मिशन की प्रगति की समीक्षा की। (तस्वीर जागरण)

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जल जीवन मिशन परियोजना के कार्यों का थर्ड पार्टी सत्यापन कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि हर परियोजना के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाएं, जो स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ समन्वय बनाकर सभी काम समय से पूरा कराएं।

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    सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 'हर घर जल' योजना की प्रगति की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन के कार्यों की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होना चाहिए। जल आपूर्ति के कार्यों के चलते खराब हुई सड़कों के जीर्णोद्धार का काम समय से कराया जाए और जनप्रतिनिधियों का भी मार्गदर्शन लिया जाए। इस आधार पर ही विभागीय अधिकारियों की जवाबदेही तय होगी।

    सीएम ने अभियान की प्रगति की समीक्षा की

    मुख्यमंत्री ने कहा कि हर प्रोजेक्ट पर नोडल अधिकारी नियुक्त हों, जो कार्यों की गुणवत्ता व समयबद्धता सुनिश्चित करें। जल जीवन मिशन के तहत परियोजना का उद्देश्य है कि लोगों को शुद्ध पेयजल प्राप्त हो, ऐसी सभी योजनाएं बिना रुकावट के अनवरत चलती रहनी चाहिए।

    बैठक में मुख्यमंत्री ने बुंदेलखंड व विंध्य क्षेत्र सहित पूरे प्रदेश में जल जीवन मिशन के कार्यों की जानकारी ली। बैठक में जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, राज्यमंत्री रामकेश निषाद आदि मौजूद रहे।

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    जल जीवन मिशन के तहत स्वीकृत हैं 40951 योजनाएं

    मुख्यमंत्री को बताया गया कि जल जीवन मिशन के तहत 40951 योजनाएं स्वीकृत हैं। इनकी कुल कार्य लागत 1,52,521.82 करोड़ रुपये है। इसमें केंद्रांश 71714.68 व राज्यांश 71714.68 करोड़ रुपये है। लागत के सापेक्ष सामुदायिक अंशदान 9092.42 करोड़ रुपये बनता है। अधिकतर योजनाओं को सोलर आधारित बनाए जाने के कारण लागत में 13,344 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है। इसके सापेक्ष केंद्रांश के रूप में 6338 करोड़ रुपये अतिरिक्त रूप से प्राप्त होगा।

    सौर ऊर्जा पर आधारित हैं 33229 योजनाएं

    मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि उत्तर प्रदेश में 33229 योजनाएं सौर ऊर्जा पर आधारित हैं। इन पर लगभग 900 मेगावाट के सोलर पैनल लगाए गए हैं। केंद्र सरकार द्वारा इस पहल को बेस्ट प्रेक्टिसेज के रूप में चिह्नित किया गया है। सौर ऊर्जा आधारित योजनाओं के निर्माण के कारण प्रतिवर्ष लगभग 13 लाख टन कार्बन डाई ऑक्साइड का उत्सर्जन कम होगा।

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