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    योगी सरकार की 'आदर्श ग्राम' योजना से दलित बाहुल्य क्षेत्रों में विकास की बहार

    Updated: Fri, 26 Dec 2025 04:47 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश सरकार ने 'प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना' के तहत अनुसूचित जाति बाहुल्य 12,492 गांवों को चिह्नित किया है। इन गांवों में शिक्षा, स्वच्छता, ...और पढ़ें

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    डिजिटल टीम, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के 'अंत्योदय' संकल्प को धार देते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के अनुसूचित जाति बाहुल्य गांवों के लिए विकास का मेगा प्लान तैयार किया है। 'प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना' के तहत प्रदेश के ऐसे 12,492 गांवों को चिह्नित किया गया है, जहां बुनियादी सुविधाओं को विश्वस्तरीय बनाया जा रहा है। सरकार का लक्ष्य 2025-26 तक इन गांवों का सर्वांगीण विकास कर सामाजिक न्याय की अवधारणा को धरातल पर उतारना है।

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    विकास का पैमाना: 40% आबादी और 500 की जनसंख्या

    योजना के सटीक क्रियान्वयन के लिए राज्य सरकार ने कड़े मानक तय किए हैं। चयन प्रक्रिया में उन गांवों को प्राथमिकता दी गई है जहाँ:

    अनुसूचित जाति (SC) की आबादी 40 प्रतिशत से अधिक है।

    गांव की कुल जनसंख्या कम से कम 500 है।

    इन मानकों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि संसाधनों का आवंटन उन क्षेत्रों में हो जहाँ इनकी सबसे अधिक आवश्यकता है, जिससे सामाजिक समावेशन (Social Inclusion) को मजबूती मिले।

    गांवों में अब मिलेंगी 'शहर जैसी' सुविधाएं

    चिह्नित ग्राम पंचायतों में केवल कच्ची सड़कों का निर्माण ही नहीं, बल्कि एक आधुनिक 'इको-सिस्टम' विकसित किया जा रहा है। विकास कार्यों की सूची में निम्नलिखित प्रमुख बिंदु-

    शिक्षा और डिजिटल कनेक्टिविटी: गांवों में डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना।
    स्वच्छता: स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में आधुनिक शौचालयों का निर्माण।
    ऊर्जा: सोलर लाइट, स्ट्रीट लाइट और नए ट्रांसफॉर्मर की स्थापना।
    स्वास्थ्य और जल: घर-घर पाइपलाइन एक्सटेंशन, नए बोरवेल और मोटर शेड।
    बुनियादी ढांचा: शवदाह गृहों का निर्माण और ग्राम समाज की संपत्तियों का सुदृढ़ीकरण।

    विकेंद्रीकृत व्यवस्था: अब ग्राम पंचायतें खुद करेंगी विकास

    कार्यों में पारदर्शिता और तेजी लाने के लिए उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम ने एक बड़ा प्रशासनिक बदलाव किया है। प्रबंध निदेशक शिव प्रसाद के अनुसार, अब ग्राम पंचायतों को ही कार्यदायी संस्था नामित किया गया है।

    प्रगति रिपोर्ट:
    कुल चयनित गांव: 12,492
    UPSIDCO द्वारा स्वीकृत कार्य: 2,562 गांव
    पूर्ण हो चुके कार्य: 910 गांव

    वास्तविक परिवर्तन

    योगी सरकार की यह पहल दर्शाती है कि उत्तर प्रदेश में विकास अब केवल फाइलों और आंकड़ों तक सीमित नहीं है। स्थानीय स्तर पर निगरानी और जवाबदेही तय होने से भ्रष्टाचार पर लगाम लगी है और ग्रामीणों का जीवन स्तर बेहतर हो रहा है। यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में समान विकास और समावेशी विकास की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रही है।