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    यूपी के औद्योगिक पुनर्जागरण की 'लाइफलाइन' बना यमुना एक्सप्रेस-वे, 1 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी का बनेगा आधार

    Updated: Mon, 29 Dec 2025 06:43 PM (IST)

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विजन के तहत यमुना एक्सप्रेस-वे अब दिल्ली-आगरा को जोड़ने वाला मार्ग नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश के औद्योगिक कायाकल्प का केंद ...और पढ़ें

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    डिजिटल टीम, लखनऊ। उत्तर प्रदेश की विकास यात्रा में यमुना एक्सप्रेस-वे अब केवल दिल्ली और आगरा को जोड़ने वाला मार्ग मात्र नहीं रह गया है, बल्कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विजनरी नेतृत्व में यह प्रदेश के औद्योगिक कायाकल्प की धुरी बन चुका है। योगी सरकार ने इस पूरे कॉरिडोर को एक नियोजित 'इन्वेस्टमेंट हब' के रूप में परिवर्तित कर दिया है। आज यह क्षेत्र न केवल घरेलू बल्कि वैश्विक निवेशकों के लिए भारत का सबसे पसंदीदा डेस्टिनेशन बनकर उभरा है, जहाँ आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर और निर्णायक नीतियों का सफल संगम दिख रहा है।

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    नियोजित विकास का ग्लोबल मॉडल: 3000 वर्ग किमी में फैला औद्योगिक साम्राज्य

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) ने नियोजित शहरीकरण और औद्योगिक क्लस्टर्स का एक ऐसा ढांचा तैयार किया है जो अनियोजित विकास पर लगाम लगाता है। 3000 वर्ग किलोमीटर से अधिक क्षेत्र में फैले इस ज़ोन को दो चरणों में विकसित किया जा रहा है। इसमें औद्योगिक, आवासीय और व्यावसायिक क्षेत्रों का स्पष्ट वर्गीकरण किया गया है। प्रोग्रेसिव फेडरेशन ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री के चेयरमैन दीपक मैनी के अनुसार, यहाँ विकसित हो रही परियोजनाएं उत्तर प्रदेश को '1 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी' के लक्ष्य की ओर तेजी से ले जा रही हैं।

    जेवर एयरपोर्ट: वैश्विक पहचान और कनेक्टिविटी का 'गेम चेंजर'

    यमुना एक्सप्रेस-वे की सफलता के पीछे जेवर में बन रहा नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट सबसे बड़ा कारक है।

    मल्टी-मॉडल हब: योगी सरकार ने एयरपोर्ट को केंद्र में रखकर लॉजिस्टिक्स हब और हाई-टेक शहरों की एक पूरी सीरीज तैयार की है।
    निर्बाध कनेक्टिविटी: एयरपोर्ट एक्सप्रेस-वे और आरआरटीएस (RRTS) जैसी परियोजनाओं ने इस क्षेत्र की पहुंच को वैश्विक स्तर पर सुगम बना दिया है, जिससे मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर में निवेश की बाढ़ आ गई है।

    सेमीकंडक्टर हब और आईटी क्रांति: ओसैट यूनिट का आगाज

    यमुना एक्सप्रेस-वे अब तकनीक और इनोवेशन का केंद्र बनता जा रहा है।
    नई इकाइयां: जेवर के पास HCL-फॉक्सकॉन की ओसैट (OSAT) यूनिट के लिए जनवरी 2026 में भूमि पूजन प्रस्तावित है।
    स्पेशल पार्क्स: सरकार यहाँ 1000 एकड़ में सेमीकंडक्टर और ईएमसी (EMC) पार्क विकसित कर रही है। इसके अलावा मेडिकल डिवाइस पार्क और डेटा सेंटर पार्क्स का निर्माण भी युद्ध स्तर पर जारी है।

    प्रमुख औद्योगिक उपलब्धियां और निवेश के सितारे

    इस कॉरिडोर पर दुनिया की दिग्गज कंपनियां अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही हैं:

    दिग्गज कंपनियां: विवो, एलजी और हावेल्स जैसी कंपनियों ने यहाँ अपनी फैक्ट्रियां स्थापित की हैं।
    निर्माणाधीन इकाइयां: वर्तमान में 200 से अधिक नई फैक्ट्रियां निर्माणाधीन हैं, जो लाखों युवाओं के लिए रोजगार के द्वार खोलेंगी।
    लॉजिस्टिक्स हब: मल्टी-मोडल ट्रांसपोर्ट हब की मंजूरी मिलने से यह क्षेत्र उत्तर भारत का सबसे बड़ा लॉजिस्टिक्स केंद्र बनने की ओर अग्रसर है।

    यमुना एक्सप्रेस-वे की प्रमुख परियोजनाएं

    * जेवर के पास एचसीएल फॉक्सकॉन की ओसैट यूनिट
    * ओसैट यूनिट को लेकर भूमि पूजन जनवरी, 2026 में संभावित
    * एक हजार एकड़ का सेमीकंडक्टर और ईएमसी पार्क
    * मेडिकल डिवाइस पार्क और डेटा सेंटर पार्क का विकास
    * विवो, एलजी और हावेल्स जैसी प्रमुख कंपनियों द्वारा फैक्ट्रियों की स्थापना
    * वाईईआईडीए को मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट हब को मंजूरी
    * एयरपोर्ट एक्सप्रेस-वे और आरआरटीएस से मजबूत कनेक्टिविटी
    * दो सौ से अधिक नई फैक्ट्रियां निर्माणाधीन
    * सेमीकंडक्टर पार्क से बड़े स्तर पर रोजगार की संभावना
    * लॉजिस्टिक्स और हाई टेक हब के रूप में विकसित हो रहा है
    * जेवर एयरपोर्ट और औद्योगिक जोन से रियल एस्टेट, मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर में नए अवसर

    यमुना एक्सप्रेस-वे आज उस 'नए उत्तर प्रदेश' का प्रतीक है जहाँ बेहतर कनेक्टिविटी, सुरक्षित माहौल और विश्वस्तरीय सुविधाएं निवेशकों को आकर्षित कर रही हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की यह नीति-आधारित कार्यशैली न केवल युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार दे रही है, बल्कि उत्तर प्रदेश को वैश्विक सप्लाई चेन का एक अनिवार्य हिस्सा बना रही है।