नोटबंदी: आज बैंकों का बड़ा इम्तिहान, वेतन के लिए उमड़ी भीड़
नोटबंदी पर जनता का आक्रोश झेल रहे बैंक प्रबंधकों के माथे पर चिंता की लकीरें हैं। वजह वेतन और पेंशन ट्रेजरी से खातों में पहुंच गई है। अब निकासी की बारी है।
लखनऊ (जेएनएन)। नोटबंदी पर जनता का आक्रोश झेल रहे बैंक प्रबंधकों के माथे पर आज सुबह से ही चिंता की गहरी लकीरें हैं। वजह गुरुवार से सरकारी कर्मचारियों का वेतन और पेंशनधारकों की पेंशन ट्रेजरी से बैंकों में पहुंचना शुरू हो गया है। बैंकों को चिंता इतना कैश कहां से आने की है। कई विभागों से कल ही सेलरी बैंकों में पहुंच गई। आरबीआइ ने अतिरिक्त कैश के लिए जरूरी इंतजाम कर लिए जाने का दावा किया है पर बैंकों के सामने चुनौतियां बनी रहेंगी।हालांकि रेलवे ने अपने कर्मचारियों को सेलरी में दस हजार रुपए नकद देने की व्यवस्था की है।
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दरअसल, मुश्किलें सुबह से ही दिखने लगीं हैं। कुछ घटनाएं जो कल ही पेश आ चुकी हैं। लखनऊ जीपीओ में कर्मचारियों ने इसलिए वेतन नहीं लिया, क्योंकि उन्हें दस-दस रुपये के पैकेट दिए जा रहे थे जिनमें अधिसंख्य पुराने और कटे नोट थे। ऐसा ही हाल बैंकों का भी रहा, जहां नकदी न होने के कारण वापस लौटना पड़ा। कानपुर में केंद्रीय संस्थानों के पेंशनर्स के खाते में पेंशन तो पहुंच गई लेकिन दो फीसद बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता नहीं पहुंचा। वहीं, निजी क्षेत्रों के भी कई संगठनों के कर्मचारियों के खातों में सैलरी पहुंच गई है। हालांकि बैंकों में नकदी संकट बना रहा और एक भी भुगतान नहीं हुआ।
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आगरा में लीड बैंक के मैनेजर के मुताबिक उन्होंने जिलाधिकारी को समस्या बताया तो उन्होंने आरबीआइ को पत्र लिखकर कैश फ्लो बढ़ाने को कहा है। मथुरा, फीरोजाबाद, मैनपुरी व एटा में भी बैंक प्रबंधकों ने जिला प्रशासन को समस्या से अवगत करा दिया है। अलीगढ़ में महीने के अंतिम दिन सरकारी विभागों ने कर्मचारियों के खातों में पैसा ट्रांसफर कर दिया, मगर बैंकों में पैसा न होने के चलते लोग खाली हाथ रहे। हापुड़ में 700 फैक्ट्रियों के 10 हजार मजदूरों को वेतन को लेकर फैक्ट्री मालिक परेशान हैं। कुछ फैक्ट्री मालिक किश्तों और चेक से तनख्वाह वितरण की तैयारी में जुट गए हैं जबकि कुछ फैक्ट्रियों में महीने की सात तारीख को तनख्वाह दी जाती है।
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रेलकर्मियों को मिले 10 हजार
नोटबंदी के बाद आने वाली परेशानियों को गंभीरता से लेते हुए रेलवे बोर्ड समस्त अराजपत्रित कर्मचारियों को वेतन से पहले ही 10 हजार रुपये नकद प्रदान कर रहा है। पूर्वोत्तर रेलवे मुख्यालय के अलावा वाराणसी और इज्जतनगर मंडल के कर्मचारियों के हाथ में तो अग्रिम वेतन आ गया है लेकिन लखनऊ मंडल के कर्मचारी परेशान हैं। मंडल कार्यालय लखनऊ में होने के चलते उनका अग्रिम वेतन अभी तक गोरखपुर नहीं पहुंचा है। इसके अलावा डाक विभाग के कर्मचारियों को बुधवार को 4-4 हजार रुपये नकद प्रदान किया गया। पेंशनधारकों को 2-2 हजार रुपये दिए गए। अग्रिम भुगतान की कटौती वेतन से हो जाएगी।
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आरबीआइ मेहेरबान,आज पहली तारीख
खुश है जमाना आज पहली तारीख है...। कभी एक तारीख को मिलने वाले वेतन के लिए गाया जाने वाला गाना नोटबंदी से उपजे हालातों में गाया जाएगा या नहीं, इसे लेकर लगाए जा रहे कयास अब खत्म। मंगलवार रात से आरबीआइ बैंकों पर मेहरबान रहा और गुरुवार से जमाना खुश होकर गा सकता है, आज पहली तारीख है। हालांकि इस खुशी की सीमा रेखा रहेगी। आरबीआइ की नकद निकासी की सीमा के अनुसार ही रुपये निकाले जा सकेंगे। वेतन और पेंशन के लिए आरबीआइ ने बुधवार को बैंकों को 7000 करोड़ रुपये से अधिक दिए हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक की कानपुर क्षेत्रीय शाखा से यूपी के 35 जिले और उत्तराखंड के सभी 13 जिलों में पैसा जाता है। आधे यूपी में विभिन्न बैंकों की 201 और उत्तराखंड में 58 करेंसी चेस्ट हैं। इनसे करीब दस करोड़ की आबादी जुड़ी है। अधिकतर सरकारी संस्थान, निजी कंपनियां अपने कर्मचारियों को हर महीने की तीस तारीख से एक तारीख के बीच में वेतन देती हैं। कुछ कंपनियां सात तारीख को वेतन देती हैं। जानकारों का कहना है कि इन जिलों में वेतन के मद में करीब बीस हजार करोड़ रुपये की जरूरत पड़ती है। ऐसे में यह रकम कम साबित होगी लेकिन आरबीआइ ने बैंकों को छह तारीख को फिर वेतन के मद में और पैसे देने का वादा किया है ताकि सात तारीख को आने वाले वेतन का भुगतान किया जा सके। सूत्रों के अनुसार आरबीआइ ने कानपुर की प्रमुख बैंकों की करेंसी चेस्ट को अपने अधिकार क्षेत्र की सभी चेस्ट में पैसा भिजवाने का डायवर्जन भी दिया है। इनमें से बड़े बैंक यूपी-उत्तराखंड की अपनी शाखाओं को रोकड़ भिजवा रहे हैं। वहीं जिन बैंकों का उत्तराखंड के लिए अधिक रोकड़ जाना था, उन्हें आरबीआइ ने सीधे उत्तराखंड में देहरादून और नैनीताल स्थित करेंसी चेस्टों को भिजवा दिया है।
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हेलीकॉप्टर से आया पैसा
आधे यूपी और पूरे उत्तराखंड में रोकड़ को समय पर भिजवाने के लिए हेलीकॉप्टर लगाए गए थे। मंगलवार देर रात आरबीआइ पहुंचे इस कैश का वितरण रात से शुरू हुआ और बुधवार देर रात तक चलता रहा। आरबीआइ के इश्यू विभाग के कर्मचारी लगातार काम में लगे रहे। वहीं बैंकों की करेंसी चेस्ट के कर्मचारी भी देर रात तक चेस्ट में जमे रहे। यह धन इलाहाबाद, आगरा, अलीगढ़, औरया, बागपत, बुलंदशहर, एटा, इटावा, फर्रुखाबाद, फतेहपुर, फीरोजाबाद, गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, हमीरपुर, हापुड़, हाथरस, जालौन, झांसी, कानपुर, कानपुर देहात, कन्नौज, कांशीराम नगर, कौशांबी, ललितपुर, महोबा, मैनपुरी, मथुरा, मेरठ, मिर्जापुर, मुजफ्फरनगर, शामली, सोनभद्र, उन्नाव, अल्मोड़ा, बागेश्वर, चमोली, देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल, चंपावत, पौढ़ी गढ़वाल, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग, टेहरी गढ़वाल, उधम सिंह नगर, उत्तरकाशी को जारी किया गया।