TET अनिवार्यता खत्म होने को लेकर टीचरों की उम्मीद बरकरार, शिक्षक संघ ने SC जाने का किया एलान
अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) की अनिवार्यता के विरोध में न्यायिक संघर्ष का ऐलान किया है। संघ सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करेगा और शिक्षकों की सेवा सुरक्षित रखने के लिए सड़क से संसद तक संघर्ष करेगा। 15 अक्टूबर तक शिक्षक काली पट्टी बांधकर शिक्षण कार्य करेंगे और हस्ताक्षर अभियान चलाएंगे। सरकार से अनिवार्यता समाप्त करने की मांग की गई है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। सेवारत शिक्षकों को सेवा में बनाए रखने के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) की अनिवार्यता के विरोध में अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने न्यायिक संघर्ष का ऐलान किया है। राष्ट्रीय अध्यक्ष सुशील कुमार पांडे की अध्यक्षता में हुई ऑनलाइन बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि सर्वोच्च न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दाखिल कर पूरे दमखम से इस फैसले का विरोध किया जाएगा।
बैठक में मंडलीय और जिला पदाधिकारियों ने भी भाग लिया। इसमें तय हुआ कि शिक्षकों की सेवा सुरक्षित रखने के लिए सड़क से संसद तक संघर्ष किया जाएगा। संघ ने साफ किया कि न्यायालय में मजबूत तथ्यों के आधार पर पैरवी की जाएगी और सेवारत शिक्षकों के पक्ष में हर स्तर पर आवाज उठाई जाएगी।
संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बताया कि 15 अक्टूबर तक शिक्षक काली पट्टी बांधकर विद्यालयों में शिक्षण कार्य करेंगे। इसी अवधि में टीईटी अनिवार्यता के विरोध में हस्ताक्षर अभियान भी जारी रहेगा।
उन्होंने कहा कि सभी शिक्षक केंद्र सरकार से इस अनिवार्यता को समाप्त करने की मांग कर रहे हैं। अगर समय रहते सरकार ने ठोस कदम नहीं उठाए, तो जल्द ही दिल्ली कूच का बड़ा आंदोलन शुरू किया जाएगा।
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