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    Mulayam Singh Yadav: कहानी धरतीपुत्र मुलायम सिंह यादव की, पिता बनाने चाहते थे पहलवान लेकिन बने मुख्यमंत्री

    Mulayam Singh Yadav सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव का आज 82 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। मुलायम सिंह यादव के निधन से पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई वहीं राजनीति के एक युग का भी आज अंत हो गया।

    By Prabhapunj MishraEdited By: Updated: Mon, 10 Oct 2022 11:00 AM (IST)
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    Mulayam Singh Yadav सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव का निधन

    लखनऊ, जेएनएन। Mulayam Singh Yadav भारतीय राजनीति के धाकड़ नेता यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री भारत के पूर्व रक्षा मंत्री और धरतीपुत्र के नाम से मशहूर नेता जी मुलायम सिंह यादव का आज गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में 82 वर्ष की उम्र में सुबह 8 बजकर 15 मिनट पर निधन हो गया। वो दो अक्टूबर से वेंटिलेटर पर थे। नेता जी के पिता उन्हें पहलवान बनाना चाहते थे पर उनकी किस्मत में तो कुछ और ही लिखा था। हम आपको आज उनके पहलवानी से राजनीतिक अखाड़े तक के सफर के बारे में बताने जा रहे हैं।

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    तीन बार यूपी के मुख्यमंत्री और एक बार देश के रक्षा मंत्री रहे मुलायम सिंह

    यूपी के सबसे बड़े राजनीतिक घराने के मुखिया और समाजवादी पार्टी के संरक्षक एवं यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। भारत सरकार में वह रक्षा मंत्री का पद भार भी संभाल चुके हैं। तीन बार यूपी के सीएम रहे मुलायम सिंह यादव के निधन से यूपी ही नहीं देश के राजनीतिक गलियारों में भी शोक की लहर दौड़ गई।

    मुलायम सिंह यादव को पिता बनाना चाहते थे पहलवान

    करीब छह दशक की सक्रिय राजनीतिक पारी खेल चुके मुलायम सिंह यादव के जीवन में कई उतार-चढ़ाव आए लेकिन यूपी की सियासत में उनका रूतबा हमेशा बरकरार रहा। 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान सपा परिवार में कलह की खबरे भी सामने आईं पर इस सब के बावजूद वो मजबूती से डटे रहे। 22 नवम्बर, 1939 को इटावा जिले के सैफई में जन्मे मुलायम सिंह यादव को उनके पिता सुघर सिंह पहलवान बनाना चाहते थे।

    किसान परिवार से है मुलायम सिंह यादव का ताल्लकु

    इसके लिए मुलायम सिंह को अखाड़े में उतार दिया गया, लेकिन उनकी किस्मत में तो किसी और ही अखाड़ें में अपना दमखम दिखाना चाहती थी। किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले मुलायम सिंह के पिता का नाम सुघर सिंह और माता का नाम मूर्ति देवी है। वह अपने पांच भाई-बहनों में रतनसिंह यादव से छोटे व अभयराम सिंह यादव, शिवपाल सिंह यादव, रामगोपाल सिंह यादव और कमला देवी से बड़े हैं।

    मुलायम सिंह यादव ने की थी दो शादियां

    मुलायम सिंह की पहली शादी मालती देवी से हुई थी, जिनका मई 2003 में देहांत हो गया था। अखिलेश यादव मालती देवी के ही बेटे हैं। बाद में मुलायम सिंह यादव ने साधना यादव से दूसरी शादी की। प्रतीक यादव उनके दूसरे बेटे हैं। मुलायम सिंह यादव पहली बार साल 1967 में अपने गृह जनपद इटावा की जसवंतनगर सीट से चुनाव जीतकर विधानसभा में पहुंचे। उस वक्त उनकी उम्र सिर्फ 28 साल थी।

    इमरजेंसी के दौरान जेल भी गए थे मुलायम सिंह यादव

    इसके बाद से वो लगातार साल 1974, 1977, 1985, 1989, 1991, 1993 और 1996 में चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचते रहे। इसी दौरान साल 1977 में वे पहली बार उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री भी बने। इमरजेंसी के दौरान जेल जाने वाले मुलायम के जीवन का अहम पड़ाव साल 1989 में सामने आया, जब उन्होंने देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की गद्दी संभाली।

    मुलायम सिंह यादव ने 1992 में रखी थी सपा की नींव

    मुलायम सिंह 1985-87 तक जनता दल के अध्यक्ष भी रहे। उन्होंने 1980 में लोकदल के अध्यक्ष पद की कुर्सी भी संभाली। मुलायम सिंह यादव ने साल 1992 में समाजवादी पार्टी की नींव रखी और अगले ही साल यानी 1993 में दूसरी बार यूपी के सीएम बने। इसके बाद यूपी की राजनीति में मुलायम सिंह का कद हर दिन के साथ बढ़ता गया। साल 2003 में मुलायम सिंह यादव ने तीसरी बार मुख्यमंत्री पद संभाला। इस बार उनका कार्यकाल सबसे अधिक तीन साल 257 दिन का रहा।

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