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Mulayam Singh Yadav: मुलायम सिंह यादव ने मिट्टी के अखाड़े से देश के रक्षा मंत्री तक का किया सफर

Mulayam Singh Yadav Long Journey in Indian Politics मुलायम सिंह यादव को बचपन से पहलवानी का शौक था। 1957 में लोहिया की प्रजातंत्र सोशलिस्ट पार्टी से चौधरी नत्थू सिंह यादव जसवंतनगर विधान सभा सीट से चुनाव लड़ रहे थे।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Mon, 10 Oct 2022 10:38 AM (IST)Updated: Mon, 10 Oct 2022 10:38 AM (IST)
Mulayam Singh Yadav: मुलायम सिंह यादव ने मिट्टी के अखाड़े से देश के रक्षा मंत्री तक का किया सफर
Mulayam Singh Yadav Long Journey in Indian Politics:

लखनऊ, जेएनएन। Mulayam Singh Yadav Long Journey in Indian Politics:धरतीपुत्र तथा नेताजी के रूप में विख्यात मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) की छवि बेहद ही संघर्ष करने वाले नेता की थी। पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चौधरी चरण सिंह (Chaudhary Charan Singh) के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने वाले नेताजी ने पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चंद्रशेखर (Chandrashekhar) से भी जमकर प्रशंसा लूट। असाधारण व्यक्तित्व के धनी 82 वर्षीय मुलायम सिंह यादव ने इटावा के सैफई गांव से लेकर देश के रक्षा मंत्री तक का सफर तय किया। इस दौरान वह चार बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रहे।

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इटावा सैफई गांव में 22 नवंबर 1939 को किसान परिवार में जन्मे मुलायम सिंह गरीबों और दलितों की भलाई के लिए 15 वर्ष की उम्र से ही सक्रिय हो गए थे। डा. राम मनोहर लोहिया के आह्वान पर हुए नहर रेट आंदोलन में मुलायम सिंह यादव ने बेहद क्रांतिकारी अंदाज में हिस्सा लिया और पहली बार जेल भी गए। मुलायम सिंह यादव ने आगरा विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर की शिक्षा ली थी। इसके बाद मैनपुरी के करहल के जैन इंटर कालेज में शिक्षक के पद पर कार्य किया। उन्होंने सक्रिय राजनीति में आने के बाद यह नौकरी छोड़ दी।

बचपन से पहलवानी का शौक

मुलायम सिंह को बचपन से पहलवानी का शौक था। 1957 में लोहिया की प्रजातंत्र सोशलिस्ट पार्टी से चौधरी नत्थू सिंह यादव जसवंतनगर विधान सभा सीट से चुनाव लड़ रहे थे। उसी दौरान इलाके के काशीपुर गांव में दंगल प्रतियोगिता आयोजित थी। इस दंगल प्रतियोगिता में बतौर चीफ गेस्ट चौधरी नत्थू सिंह यादव भी पहुंचे थे। इस दंगल प्रतियोगिता में मुलायम ने कई कुश्तियां लड़ीं और अपने प्रतिद्वंद्वी पहलवानों को धूल चटा दी। जब नत्थू सिंह को यह पता चला कि मुलायम सिंह यादव उनके ही दल के लिए काम करते हैं तो वह उन्हें सक्रिय राजनीति में लाए। मुलायम सिंह ने उन्हें अपना राजनीतिक गुरु बना लिया। मुलायम सिंह यादव अपने धोबी पछाड़ दांव के कारण बेहद विख्यात थे और नामी पहलवानों को छोटे कद के मुलायम सिंह धोबी पछाड़ से आसमान दिका देते थे।

नत्थू सिंह ने छोड़ी जसवंतनगर सीट

वर्ष 1967 में चौ. नत्थू सिंह ने अपने प्रिय शिष्य मुलायम सिंह के लिए जसवंतनगर सीट छोड़ दी और अपनी जगह प्रजातंत्र सोशलिस्ट पार्टी से मुलायम सिंह को जसवंतनगर विधान सभा सीट से पहली बार प्रत्याशी बना दिया। इसी दौरान अचानक जसवंतनगर विधानसभा सीट से मुलायम सिंह के प्रत्याशी बनाने के निर्णय को लेकर डा. राम मनोहर लोहिया भी चौ. नत्थू सिंह यादव से बेहद नाराज हुए थे। उन्होंने जब लोहिया जी को यह आश्वस्त किया कि मुलायम सिंह यह चुनाव जीत लेंगे, हम सभी उन्हें चुनाव जितवाएंगे, तब लोहिया जी का गुस्सा शांत हुआ।

सात बार जसवंतनगर से विधायक

मुलायम सात बार जसवंतनगर से विधायक बने। आपातकाल में उन्होंने 19 माह की जेल भी काटी थी। 1980 में मुलायम सिंह उत्तर प्रदेश लोकदल के अध्यक्ष बनाए गए थे जो बाद में प्रदेश में जनता दल का एक घटक दल भी बना था।

1989 में पहली बार बने मुख्यमंत्री

मुलायम सिंह यादव 1989 में पहली बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। इस दौरान 1990 में जब वीपी सिंह की सरकार गिर गई थी तब मुलायम सिंह यादव, चन्द्रशेखर की जनता दल (समाजवादी) में शामिल हो गए। अप्रैल 1991 में कांग्रेस के समर्थन से मुलायम सिंह फिर मुख्यमंत्री बने। वर्ष 1991 में ही कुछ दिनों के पश्चात कांग्रेस ने अपना समर्थन वापस लेकर उनकी सरकार गिरा दी थी। 1991 के यूपी के मध्यावधि चुनाव में मुलायम सिंह सूबे में चुनाव हार गए थे।

अक्टूबर 1992 में समाजवादी पार्टी का गठन

मुलायम सिंह ने चार अक्टूबर 1992 में लखनऊ में समाजवादी पार्टी का गठन किया था। 1993 में 256 सीटों पर मुलायम सिंह यादव की समाजवादी पार्टी ने चुनाव लड़ा, जिसमें 103 सीटों पर मुलायम सिंह की सपा चुनाव जीती थी। 1993 में सपा-बसपा गठबंधन की सरकार यूपी में काबिज हुई। जिसमें बसपा की 67 सीटें थीं। एक बार फिर मुलायम सिंह सूबे के मुख्यमंत्री बने थे, लेकिन बाद में यह गठबंधन नहीं चल सका और फिर सरकार गिर गई।

केन्द्र की राजनीति में सक्रिय

मुलायम सिंह यादव ने 1996 में केन्द्र केंद्र की राजनीति में प्रवेश किया और एक जून 1996 को देश के रक्षा मंत्री बने। उनका यह कार्यकाल 19 मार्च 1998 तक चला। वर्ष 2003 में मुलायम सिंह ने पुन: उत्तर प्रदेश की राजनीति की तरफ रुख किया और फिर प्रदेश के सीएम बने गए। मुख्यमंत्रित्व के रूप में उनका यह कार्यकाल 2007 तक चला।

मुलायम सिंह यादव का प्रोफाइल

नाम-मुलायम सिंह यादव

पिता का नाम-स्वर्गीय श्री सुघर सिंह

माता का नाम-स्वर्गीय श्रीमती मूर्ति देवी

जन् तिथि-22 नवंबर, 1939

जन्मस्थान-ग्राम सैफई, जिला इटावा, उत्तर प्रदेश

पत्नी का नाम-स्वर्गीय मालती देवी व स्वर्गीय साधना यादव

संतान-अखिलेश यादव व प्रतीक यादव

शैक्षणिक योग्यता- बीए, बीटी, एमए (राजनीति शास्त्र)

पहली बार 1967 में उत्तर प्रदेश विधानसभा के लिए विधायक चुने गए। दस बार विधानसभा व सात बार लोकसभा के सदस्य रहे।

उप्र के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यकाल

05 दिसंबर 1989- 24 जून 1991

04 दिसंबर 1993- 03 जून 1995

29 अगस्त , 2003 - 13 मई, 2007

अखिलेश यादव को बनाया उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री

मुलायम सिंह के नेतृत्व में 2012 के चुनाव में समाजवादी पार्टी को सूबे पूर्ण बहुमत मिला तब उन्होंने अपने बड़े बेटे अखिलेश यादव को सूबे का मुख्यमंत्री बनाया। 


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