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    UP Politics: 'मुस्लिम तुष्टीकरण के DNA के साथ हुआ सपा का जन्म', उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने अखिलेश को फिर दी नसीहत

    उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर हमला बोलते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी का जन्म ही मुस्लिम तुष्टीकरण के डीएनए के साथ हुआ है। उन्होंने कहा कि सपा हमेशा से एक विशेष वर्ग को खुश करने में लगी रही है जिससे समाज में विभाजन बढ़ा है। पाठक ने अखिलेश को नसीहत दी कि वे अपनी पार्टी के डीएनए को बदलें।

    By Shobhit Srivastava Edited By: Vinay Saxena Updated: Mon, 19 May 2025 02:42 PM (IST)
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    ब्यूरो : मुस्लिम तुष्टीकरण के डीएनए के साथ हुआ सपा का जन्म : ब्रजेश पाठक

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक व सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव व के बीच डीएनए को लेकर छिड़ा विवाद बढ़ता ही जा रहा है। ब्रजेश पाठक ने सोमवार को फिर लंबी-चौड़ी पोस्ट लिखी। उन्होंने लिखा, ''अखिलेश यादव जी, आप डीएनए के सवाल पर बहुत भड़के हुए हैं। मैंने ये कह क्या दिया कि सपा के डीएनए में खराबी है, आप आपे से उसी तरह बाहर हो गए जैसे 10 साल पहले सत्ता से बाहर हो गए थे। आप इस बात को समझिए कि डीएनए में खराबी से हमारा मतलब किसी व्यक्ति विशेष से नहीं, बल्कि आपकी पार्टी की राजनीतिक सोच से है। डीएनए में खराबी का मतलब ये है कि आपकी पार्टी की राजनीति की बुनियाद ही जातिवाद और तुष्टीकरण पर टिकी रही है और आज भी टिकी हुई है।'' 

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    ब्रजेश पाठक ने लिखा... ''मैं आपकी पार्टी के डीएनए में खराबी के मसले को और खुलकर समझा देता हूं। दरअसल, मुस्लिम तुष्टिकरण ही आपकी राजनीति का केंद्रीय हिस्सा रहा है। आपकी पार्टी का जन्म ही मुस्लिम तुष्टीकरण के डीएनए के साथ हुआ है। आपकी सरकारों ने बार-बार एक ही वर्ग विशेष को खुश करने के लिए बाकी समाज की अनदेखी की है। इससे समाज में विभाजन और अविश्वास की खाई और गहरी हुई है। आपने तो बतौर मुख्यमंत्री अपने सिग्नेचर से आतंकियों से जुड़े 14 केस एक साथ वापिस लिए हैं ताकि आपकी पार्टी के मुस्लिम तुष्टीकरण वाले डीएनए को खाद पानी मिलता रहे। ऐसे में मैं अच्छी तरह समझा सकता हूं कि डीएनए पर सवाल उठाने से आप इतने तिलमिलाए क्यों हैं। आपको इतना दर्द क्यों हैं।'' 

    उन्होंने लिखा...आपकी पार्टी का डीएनए तो दलितों के भी खिलाफ रहा है। जब हम कहते हैं कि सपा के डीएनए में खराबी है तो हमारा सीधा मतलब है कि यह पार्टी सत्ता के लिए समाज को बांटने में यकीन रखती है। इसलिए आप कुपित न होइए। एक बात और आपका और आपकी पार्टी का ट्विटर हैंडल जो भी चलाता है वो तो इतना नादान है कि उसने आपके जरिए ये कुबूल करवा लिया कि जेपी, लोहिया और राजनारायण जैसे महान नेताओं के समाजवाद को गंदी, पतित और कलुषित गालियों में तब्दील कर देने वाले ये लोग आपके अपने ही हैं। आपने खुद लिखित रूप में ये कुबूल कर लिया है कि आप पार्टी स्तर पर उन लोगों को समझाएंगे। अब भी कोई शक, कोई संदेह बचा क्या कि आपकी पार्टी का डीएनए ही खराब है?

    उप मुख्यमंत्री ने लिखा...अखिलेश जी, अंत में यही कहूंगा कि अगर आप बदल सकते हैं तो खुद को बदलिए, अपनी पार्टी के डीएनए को बदलिए वरना आपको अपनी पार्टी का यही डीएनए परेशान करता रहेगा। अभी तो मैं कह रहा हूं, इसके बाद आम व्यक्ति की जुबां से आपकी पार्टी के इस डीएनए का जिक्र फूटेगा। किस किस को गालियां देते फिरेंगे? सो अपना चेहरा साफ कीजिए, आईने से मत झगड़िए।

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