यूपी में सपा ने एसआईआर की निगरानी के लिए जिलों में लगाए प्रभारी, 40 नेताओं को सौंपी जिम्मेदारी
समाजवादी पार्टी ने मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण (एसआईआर) की निगरानी के लिए 40 नेताओं को जिलों का प्रभारी बनाया है। अखिलेश यादव ने स्वयं गणना फार्म भरकर सभी से भरने की अपील की। प्रभारियों को एसआईआर प्रपत्रों के वितरण और जमा होने की स्थिति का विवरण तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। शिवपाल यादव समेत कई वरिष्ठ नेताओं को अलग-अलग जिलों की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर सतर्कता बरत रही सपा ने अब अपने 40 बड़े नेताओं को इसकी निगरानी का जिम्मा सौंपा है।
इनको एक से दो जिलों का प्रभारी बनाया गया है और आवंटित जिलों में चल रही प्रक्रिया की रिपोर्ट मुख्यालय भेजने के निर्देश दिए हैं। वहीं सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने खुद गणना फार्म भरा और एक्स पर पोस्ट कर सभी से फार्म भरने की अपील की।
सूत्रों के अनुसार, पार्टी ने राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल यादव को इटावा व बदायूं, अवधेश प्रसाद को अयोध्या, बलराम यादव को आजमगढ़, विशंभरर प्रसाद निषाद को बांदा व फतेहपुर, इंद्रजीत सरोज को प्रयागराज और कौशांबी, राज्यसभा सदस्य रामजी लाल सुमन को आगरा व हाथरस, राम अचल राजभर को वाराणसी, नीरज पाल को बागपत, लालजी वर्मा को अंबेडकरनगर, हरेंद्र मलिक को मुजफ्फरनगर व सहारनपुर का प्रभारी बनाया गया है।
पार्टी नेता राजीव राय, डा. मधु गुप्ता, कमाल अख्तर, ओमप्रकाश सिंह, अभिषेक मिश्रा आदि को भी जिम्मा दिया गया है। निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने प्रभार वाले जिलों में विधानसभावार भ्रमण कर एसआईआर के लिए प्रपत्र वितरण की स्थिति, उनके जमा होने और अपलोड होने की स्थिति का विवरण तैयार करें।
तरकश
‘मिशन-2027’ की तैयारी में जुटे साइकिल वाले भैयाजी
सूची की सफाई के काम पर खूब ताल ठोक रहे हैं। केसरिया वालों से लेकर आयोग वालों तक पर तो तीर साध ही रहे हैं, घर-घर जाने से परेशानी जता रहे ड्यूटी वालों के जख्मों को भी सहला रहे हैं। हर रोज उनकी पीड़ा की आवाज को बुलंदी देने में जुटे हैं। कभी साहब लोगों द्वारा दबाव देने की बात तो कभी समय की कमी की दुहाई।
अब जान जाने के मामलों के बाद तो सीधे करोड़ की सहायता वाली बात कह रहे हैं और खुद सहायता का हाथ बढ़ाकर पूरी नब्ज थामने की कोशिश में हैं। आखिर पीडीए का दम भरने वाले भैयाजी के लिए अब पी का मतलब पीड़ित भी तो है। अब ड्यूटी से पीड़ित, चुुनाव में भैयाजी का कितना साथ देंगे यह तो नतीजे बताएंगे लेकिन भैयाजी को तो उनका वोट पक्का ही लग रहा है।

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