'राजस्व चोरी रोकने के लिए तैयार की जाए एसओपी', सीएम योगी ने अधिकारियों को दिए निर्देश
सीएम योगी ने मंगलवार की रात को राज्यकर विभाग की समीक्षा करते हुए कहा कि कर प्रशासन में पारदर्शिता और दक्षता लाने के लिए प्रदेश में अपनाई गई आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) आधारित रिटर्न स्क्रूटनी विभिन्न राज्यों के लिए माडल बन गई है। ऐसे नवाचार आगे भी किए जाएं। व्यापारियों से संवाद बनाकर टीम भावना के साथ राजस्व संग्रह के लिए तय लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रयास किए जाएं।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राजस्व चोरी राष्ट्रीय क्षति है। कर चोरी रोकने के लिए सर्वे और छापेमारी करने वाली टीम में दक्ष और कर्मठ अधिकारियों व कर्मचारियों को शामिल किया जाए। कार्रवाई की सफलता के लिए उसकी गोपनीयता के प्रति अधिकारी सतर्क रहें। कर चोरी रोकने की दृष्टि से क्षेत्रवार रणनीति बनाई जाए। इसके लिए गहन प्रशिक्षण कार्यक्रम और मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार की जाए।
मुख्यमंत्री ने मंगलवार की रात को राज्यकर विभाग की समीक्षा करते हुए कहा कि कर प्रशासन में पारदर्शिता और दक्षता लाने के लिए प्रदेश में अपनाई गई आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) आधारित रिटर्न स्क्रूटनी विभिन्न राज्यों के लिए माडल बन गई है। ऐसे नवाचार आगे भी किए जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यापारियों से संवाद बनाकर टीम भावना के साथ राजस्व संग्रह के लिए तय लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रयास किए जाएं। सभी के प्रयासों से प्रदेश में जीएसटी/वैट संग्रह में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। वर्ष 2025-26 के लिए 1.75 लाख करोड़ रुपये राजस्व संग्रह के लक्ष्य को पाने के लिए मिशन मोड में नियोजित प्रयास किए जाएं।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में जीएसटी में पंजीकृत व्यापारियों की संख्या देश में सर्वाधिक है। वर्ष 2023-24 में कुल पंजीकृत व्यापारियों की संख्या 17.2 लाख थी, जो वर्ष 2024-25 में बढ़कर 19.9 लाख हो चुकी है। पंजीयन आधार को अधिकाधिक बढ़ाने का प्रयास निरंतर जारी रखा जाए और व्यापारियों से निरंतर संवाद बनाया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जीएसटी रिटर्न दाखिल करना हर व्यापारी का कर्तव्य है।
यह सुखद है कि उत्तर प्रदेश रिटर्न दाखिल करने में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है। व्यापारियों को रिटर्न दाखिल करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जीएसटी पंजीकृत व्यापारियों के कल्याण के लिए संकल्पित है। दुर्घटना में व्यापारी की मृत्यु, आंशिक व पूर्ण विकलांगता की स्थिति में नामिनी अथवा उत्तराधिकारी और व्यापारी को राज्य सरकार द्वारा 10 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता दी जा रही है। पात्र व्यापारियों व उनके स्वजन को संवेदनशीलता के साथ योजना का लाभ दिलाया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सर्वाधिक टैक्स देने वाले लोगों को विभाग सम्मानित करे। यह कार्यक्रम प्रदेश, जोन, मंडल व जनपद स्तर पर आयोजित किए जाएं। राज्य कर विभाग के इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के कार्यों को तेजी से आगे बढ़ाया जाए तथा पर्याप्त मैनपावर सुनिश्चित किया जाए।

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