फर्जी मुकदमा दर्ज करने पर चार घंटे न्यायिक हिरासत में रहे एसओ
दर्ज हुआ मुकदमा सीजेएम ने दी जमानत। पुलिस महकमे में मचा हड़कंप एसपी समेत आला अफसर घंटों जमे रहे न्यायालय में।
सुलतानपुर, जेएनएन। एक आपराधिक मामले में बगैर जानेबूझे हत्या की साजिश रचने के साथ-साथ हत्या संबंधी धाराएं लगा देना जिले के धम्मौर थाने के एसओ को महंगा पड़ गया। अदालत ने प्रकरण को संज्ञान में लेते हुए पहले स्पष्टीकरण मांगा और फिर संतुष्ट न होने पर मुकदमा दर्ज कर जेल भेजने के आदेश दे दिए। शुक्रवार को स्थानीय अपर सत्र न्यायाधीश की अदालत में घटित इस वाकए से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। कप्तान समेत सारे आला अफसर दीवानी न्यायालय में आ डटे। करीब चार घंटे तक थानाध्यक्ष अदालत की कस्टडी में रहे। काफी मान-मनौव्वल, लानत-मलानत के बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने 50 हजार रुपये की जमानत राशि पर जब थानेदार की बेल मंजूर कर ली तब जाकर अफसरों ने राहत की सांस ली।
वाकया 17 मार्च 2019 से शुरू होता है। कुड़वार थाना क्षेत्र अंतर्गत मनियारपुर निवासी सैय्यद गाफिल हसन जैदी व हैदर अब्बास, अमेठी के जामो थानान्तर्गत सूखी बाजगढ़ निवासी उदयभान, अजय व नरियांवा निवासी शैलेंद्र, कस्तूरी निवासी बजरंग पर एक युवक की हत्या के लिए सुपारी लेने का आरोप लगाया। इस मामले में जब मुकदमा दर्ज किया तो हत्या संबंधी धारा 302 भी दर्ज करते हुए चार्जशीट फाइल कर दी।
इस मामले में बबलू सिंंह व हैदर अब्बास को गिरफ्तार भी कर लिया गया। प्रकरण की सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश मनोज शुक्ला की अदालत में शुरू हुई और एसओ को तलब कर लिया गया। शुक्रवार को इस मामले में एसओ प्रवीण कुमार सिंंह तलब हुए। एसओ द्वारा पेश स्पष्टीकरण से संतुष्ट न होते हुए उम्रकैद के मामलों में फर्जी साक्ष्य पेश करने के आरोप में न्यायाधीश ने उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कस्टडी में लेने के आदेश दिए।
एसपी अनुराग वत्स को जानकारी मिली तो वे भी लाव-लश्कर के साथ आ डटे और न्यायाधीश के मान-मनौव्वल का दौर घंटों चलता रहा। देर शाम सीजेएम आशारानी ङ्क्षसह ने प्रकरण की सुनवाई। उन्होंने फिलहाल एसओ को मामले में अंतरिम जमानत दे दी।