'मुनाफा बंद होने का रोना रो रहे गांधी खानदान के लोग', संजय गांधी अस्पताल प्रकरण पर स्मृति इरानी की दो टूक
अस्पताल में लापरवाही के कारण एक महिला की मौत हो गई। उन्होंने कहा कि मैं अचंभित हूं कि गांधी खानदान की ओर से चलाए जा रहे इस अस्पताल में एक महिला की मौत होती है। उनकी नजरों में उसकी जान की कोई कीमत ही नहीं है। रोजगार मेले में पहुंचीं केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जब महिला बिल पास हो रहा था तब कुछ पुरुष इधर-उधर देख रहे थे।

जागरण संवाददाता, लखनऊ : केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति इरानी ने अमेठी के संजय गांधी अस्पताल के लाइसेंस रद किए जाने पर कहा कि मृतक के प्रति संवेदना व्यक्त करने और आरोपित के खिलाफ कार्रवाई के बजाय गांधी खानदान के लोग अपना मुनाफा बंद होने का रोना रो रहे हैं। उन्हें एक महिला की जान की कोई परवाह नहीं है।
अस्पताल में लापरवाही के कारण एक महिला की मौत हो गई। उन्होंने कहा कि मैं अचंभित हूं कि गांधी खानदान की ओर से चलाए जा रहे इस अस्पताल में एक महिला की मौत होती है। उनकी नजरों में उसकी जान की कोई कीमत ही नहीं है।
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इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में मंगलवार को आयोजित रोजगार मेले में पहुंचीं केंद्रीय मंत्री ने कहा कि गणेश उत्सव के इस पावन अवसर पर नए संसद भवन में महिला बिल पास हो रहा था तब कुछ पुरुष इधर-उधर देख रहे थे।
उन्होंने कहा कि अब तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नौ लाख युवाओं को सरकारी नौकरियां प्रदान की है। इसे 10 लाख तक पहुंचाने का लक्ष्य है। कांग्रेस के कार्यकाल में छह लाख से कम लोगों को नौकरी मिली थी।
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उन्होंने नौकरी पाने वालों को बधाई देते हुए कहा कि आपकी जिम्मेदारी बनती है कि देश के भविष्य को आगे बढ़ाएं। जिनको नियुक्ति पत्र मिले हैं वे आम लोगों की उम्मीदों पर खरे उतरें। तकनीकी के इस दौर में आम आदमी को एक डेस्क से दूसरी डेस्क भटकना न पड़े। नागरिक को मालिक और खुद को सेवक समझें।
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