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    लारी कार्डियोलाजी से बिना ऑपरेशन लौटाए जा रहे दिल के गंभीर मरीज, केजीएमयू प्रशासन मौन

    By Vikas MishraEdited By:
    Updated: Fri, 29 Oct 2021 02:02 PM (IST)

    केजीएमयू का लॉरी कार्डियोलाजी जहां दिल की खामोश होती धड़कनों को भी डाक्टर जगाने का काम करते हैं..... मगर इसी अस्पताल में दैनिक जागरण की टीम ने दिल की धड़कनों को रोक देने वाली लाचारी देखी। यहां कई मरीज ऐसे मिले जिनका ऑपरेशन होना था।

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    नेपालगंज से आए एक बुजुर्ग मरीज को स्टाफ ने डाटकर बाहर निकाल दिया।

    लखनऊ, [धर्मेन्द्र मिश्र]। केजीएमयू का लॉरी अस्पताल, जहां दिल की खामोश होती धड़कनों को भी डाक्टर जगाने का काम करते हैं..... मगर इसी अस्पताल में दैनिक जागरण की टीम ने दिल की धड़कनों को रोक देने वाली लाचारी देखी। यहां कई मरीज ऐसे मिले जिनका ऑपरेशन होना था। डॉक्टरों ने भर्ती के लिए लिख भी दिया, लेकिन बेड नहीं मिलने की बात कहकर स्टाफ के लोगों ने कह दिया कल आना अभी बेड खाली नहीं है। लॉरी में मरीजों के दर्द की दास्तान सिर्फ यहीं खत्म नहीं हुई। नेपालगंज से आए एक बुजुर्ग मरीज को स्टाफ ने डाट कर बाहर कर दिया। 

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    टीम की नजर सबसे पहले संतकबीर नगर से आई राजदेई पर गई। वह हाथ में पर्चा लिए एक कुर्सी पर हताश बैठी थीं। बेटा झोला लिए इस सोच में पड़ा था कि रात को मां को कहां सुलाएंगे...फर्श पर ही शायद सोना पड़ेगा। बेटे अरुण कुमार ने बताया कि हार्ट का ऑपरेशन होना है। एडमिट वाला पर्चा भी दिखाया। बताया कि अंदर गए तो स्टाफ ने कह दिया बेड नहीं है, कल आना। इसके बाद टीम ने लॉरी इमरजेंसी के सामने फर्श पर कराहते और तड़पते एक बुजुर्ग मोहम्मद यार को देखा। उनके भाई ने निशार अहमद ने बताया कि वह बहराइच बॉर्डर नेपालगंज से आए हैं। सीने में दर्द और सांस में तकलीफ है।

    ट्रामा गए तो रात भर रखकर टीबी वार्ड में भेज दिया। वहां से लॉरी भेज दिया। सुबह 11 बजे से सवा दो बज गए।गार्डों ने अंदर जाने पर भगा दिया। इसके बाद देवरिया से आई ममता देवी से सामना हो गया। वह हांफ रही थी। उन्होंने बताया कि वॉल्व का ऑपरेशन होना है। डाक्टर ने बुलाया था। अब बोले कोरोना जांच कराओ। सुबह सैंपल दे दिया। कह रहे रिपोर्ट अगले दिन आएगी। स्टाफ वाले कह रहे होल्डिंग एरिया में भी नहीं रखेंगे, कहां जाएं हम.... मरीजों के दर्द की अनगिनत तस्वीरें यहां देखने को मिल रही थीं। लॉरी इमरजेंसी में अंबेडकर नगर के टांडा से आए नशीम अहमद ने बताया कि सुबह 10.30 बजे आए। एक इंजेक्शन लगाकर बाहर कर दिया। तब से यहीं पड़े हैं। शुगर 450 है। सांस भी फूल रही है। इतनी लापरवाही के बावजूद केजीएमयू प्रशासन ने किसी तरह की कार्रवाई की बात नहीं कही है।