Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    SCR में बन रही विकास योजनाएं, कनेक्टीविटी-इंफ्रास्क्ट्रक्चर से धार्मिक पर्यटन को मिलेगी नई पहचान

    Updated: Mon, 24 Nov 2025 06:11 PM (IST)

    दक्षिण मध्य रेलवे (एससीआर) क्षेत्र में कनेक्टिविटी और इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने के लिए विकास योजनाएं चल रही हैं। इन योजनाओं का उद्देश्य धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देना है, जिसके तहत नई रेल लाइनें बिछाई जा रही हैं और स्टेशनों का विकास किया जा रहा है। इससे धार्मिक स्थलों तक पहुंच आसान होगी, पर्यटन बढ़ेगा और स्थानीय अर्थव्यवस्था को लाभ मिलेगा।

    Hero Image

    जागरण संवाददाता, लखनऊ। अयोध्या, प्रयागराज और वाराणसी की तरह की राज्य राजधानी क्षेत्र यानी एससीआर में धार्मिक पर्यटन की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। देश भर में खासकर उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ वर्षों में जिस तरह धार्मिक पयर्टन से आर्थिक मजबूती मिली है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    उससे सरकार संभावित क्षेत्रों में तेजी से विकास की योजनाएं ला रही है। यही वजह है कि एससीआर का जो विस्तृत प्लान तैयार हो रहा है उससें दूसरी योजनाओं के साथ पर्यटन प्राथमिकता पर है।

    बीते दिनों जब एससीआर की परिकल्पना की जा रही थी उस समय एक सर्वे किया गया था जिसमें सामने आया था कि सबसे अधिक पर्यटक लखनऊ आते हैं। कुल आने वाले पर्यटकों में आधे केवल लखनऊ ही आते हैं बाकी पांच जिलों में संख्या बेहद कम है। एससीआर में शामिल दूसरे जिलों की तरफ भी पर्यटक आकर्षित हो सकें इसके लिए कार्ययोजना तैयार हो रही है।

    राज्य राजधानी क्षेत्र के विस्तार के साथ पर्यटन को भी कैसे बढ़ाया जाए इस पर कंपनियां डिटेज प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करा रही हैं। कंसल्टेंट कंपनी द्वारा एक वर्ष में रीजनल प्लान तैयार किया जाएगा। जिसके बाद कंपनी अगले पांच वर्ष में रीजनल प्लान के मुताबिक परियोजनाओं को चिन्हित करते हुए उनका डीपीआर तैयार करेगी।

    यह भी पढ़ें- लखनऊ में 4.64 करोड़ से संवरेगा प्राचीन रविदास मंदिर, 100 साल पुराना टेंपल है आस्था का प्रमुख केंद्र

    दरअसल राज्य राजधानी क्षेत्र में कई ऐसे स्थान हैं जहां पर अपार संभावनाएं हैं। लखनऊ में बख्शी का तालाब में चंद्रिका देवी मंदिर एक बड़े धार्मिक स्थल के रूप में प्रतिष्ठित है। सरकार यहां पर विकास की संभावनाएं देख रही है। सड़कों को चौड़ाकर कनेक्टीविटी पर कार्य हो रहा है।

    लाखों श्रृद्धालुओं का आना जाना रहता है। इसी तरह सीतापुर में पहले से ही नैमिषारणय को विकसित करने की योजना पर काम चल रहा है इसमें 84 कोसी परिक्रमा मार्ग और इसके अंतर्गत आने वाले 36 गांवों को शामिल किया गया है।बीते दिनों केद्र सरकार ने लखनऊ से सहारनपुर तक वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाई।

    इसके चलने से नैमिषारणय जाने वाले यात्रियों को बहुत सुविधा होगी। इसी तरह दूसरे जिलों में भी पर्यटन की संभावनाओं का अध्ययन किया जा रहा है। पूर्व में प्रशासन ने एससीआर के प्रत्येक जिले में पर्यटन को एक उद्योग के रूप में विकसित करने के निर्देश दिए थे। जिलों की एतिहासिकता, धार्मिक महत्व के स्थलों के अलावा वहां की आर्थिकी व अन्य विशेषताओं को लेकर कार्ययोजना बनाने को कहा है।

    एससीआर में क्या है प्रस्तावित

    पांचों जिलों का करीब 26 हजार वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र इसके दायरे में होगा। जनपदों के बीच हाई स्पीड रेल एवं रोड कनेक्टिविटी का प्रस्ताव है। जनपदों की जनसंख्या और बसावट के स्वरूप के आधार पर अवस्थापना एवं विकास परियोजनाओं का खाका खींचा जाएगा। आवागमन तेज और सुगम होने से औद्योगिक व व्यावसायिक विकास को बल मिलने की संभावना है। इससे बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर सृजित होंगे और प्रदेश का आर्थिक विकास होगा।