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    लखनऊ में 4.64 करोड़ से संवरेगा प्राचीन रविदास मंदिर, 100 साल पुराना टेंपल है आस्था का प्रमुख केंद्र

    Updated: Mon, 24 Nov 2025 06:04 PM (IST)

    लखनऊ के अलीगंज में स्थित प्राचीन रविदास मंदिर का उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग 4.64 करोड़ रुपये से नवीनीकरण करेगा। 101 वर्ष पुराने इस मंदिर के जीर्णोद्धार की योजना को स्वीकृति दी गई है। मंदिर में सड़क मरम्मत, पेयजल व्यवस्था और बेहतर प्रकाश व्यवस्था जैसे कार्य किए जाएंगे। स्थानीय लोगों का मानना है कि सौंदर्यीकरण के बाद श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ेगी।

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    जागरण संवाददाता, लखनऊ। अलीगंज स्थित प्राचीन रविदास मंदिर का कायाकल्प किया जाएगा। इस मंदिर को उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग 4.64 करोड़ रुपये से संवारेगा। विभाग ने समेकित पर्यटन विकास के तहत 101 साल पुराने इस मंदिर के जीर्णोद्धार की यह योजना स्वीकृत की है।

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    पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि रविदास मंदिर के प्रति श्रद्धालुओं की आस्था, बढ़ती भीड़ और स्थानीय महत्व को ध्यान में रखकर विकास कार्य किए जा रहे हैं। इनमें सड़क मरम्मत, पेयजल व्यवस्था, बेहतर प्रकाश व्यवस्था, श्रद्धालुओं के बैठने के लिए बेंच और मंदिर परिसर के जर्जर हिस्सों का पुनरुद्धार जैसे कार्य शामिल हैं।

    अलीगंज स्थित रविदास मंदिर राजधानी के प्राचीन धार्मिक स्थलों में से एक माना जाता है। मंदिर के मुख्य द्वार पर अंकित स्थापना वर्ष 1924 इस बात का प्रमाण है कि यह मंदिर 101 वर्ष पुराना है। यह स्थल दशकों से स्थानीय समुदाय के धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक जीवन का केंद्र रहा है।

    मंदिर परिसर में तीन प्राचीन समाधियां भी स्थित हैं, जिनमें से एक को मंदिर के निर्माण से पूर्व का माना जाता है। बाकी दो समाधियां बाबा लीलादास और बाबा टिकाईदास से संबंधित हैं, जिन्होंने लंबे समय तक मंदिर में सेवाएं दीं। रविदास मंदिर के प्रति स्थानीय समुदाय का भावनात्मक जुड़ाव बेहद गहरा रहा है।

    मंदिर के बाहर वर्षों से जूतों की मरम्मत का काम करने वाले नौमी लाल बताते हैं कि उनके पिता भी इसी स्थान पर काम किया करते थे। वहीं, मिष्ठान विक्रेता भोलानाथ का कहना है कि उनके बाबा 1931 से मंदिर के बाहर दुकान लगाते थे। तभी से यह पूरा क्षेत्र धार्मिक और सामाजिक गतिविधियों का महत्वपूर्ण केंद्र रहा है।

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    संत रविदास जयंती पर यहां हर वर्ष बड़े पैमाने पर विशेष आयोजन होता है, जिसमें स्थानीय लोग हिस्सा लेते हैं। मंदिर परिसर को सजाने-संवारने में अपना योगदान देते हैं। स्थानीय व्यापारियों का मानना है कि मंदिर के सौंदर्यीकरण के बाद श्रद्धालुओं की संख्या में निश्चित रूप से वृद्धि की उम्मीद है।

    मंत्री जयवीर सिंह ने यह भी बताया कि लखनऊ के अलीगंज स्थित प्राचीन रविदास मंदिर का समेकित पर्यटन विकास हमारी सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है। 4.64 करोड़ रुपये की स्वीकृत परियोजना के अंतर्गत मंदिर परिसर के सौंदर्यीकरण, अवसंरचनात्मक सुधार और आधुनिक सुविधाओं के विस्तार का कार्य तेजी से प्रारंभ हो चुका है।