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लखनऊ से संयुक्ता भाटिया भाजपा की मेयर उम्मीदवार

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वाराणसी और गृह मंत्री राजनाथ सिंह के लखनऊ समेत आठ नगर निगमों के महापौर उम्मीदवार का नाम घोषित किया।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Mon, 06 Nov 2017 10:29 AM (IST)Updated: Mon, 06 Nov 2017 01:55 PM (IST)
लखनऊ से संयुक्ता भाटिया भाजपा की मेयर उम्मीदवार
लखनऊ से संयुक्ता भाटिया भाजपा की मेयर उम्मीदवार

लखनऊ (जेएनएन)। भारतीय जनता पार्टी से विधायक रहे स्वर्गीय सतीश भाटिया की पत्नी संयुक्ता भाटिया को लखनऊ से मेयर का प्रत्याशी बनाया है। भाजपा ने कल रात नगर निगमों के महापौर के आठ उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी। 

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इसके पहले भाजपा ने शनिवार को पांच उम्मीदवारों की सूची जारी की थी। भाजपा ने अब तक महापौर पदों के लिए 13 उम्मीदवारों का नाम घोषित किया है। अब भी तीन उम्मीदवारों के नाम घोषित करने को शेष रह गए हैं। 

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय ने कल रात दूसरी सूची में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वाराणसी और गृह मंत्री राजनाथ सिंह के क्षेत्र लखनऊ समेत आठ नगर निगमों के महापौर उम्मीदवार का नाम घोषित किया। वाराणसी से मृदुला जायसवाल, अलीगढ़ से डॉ. राजीव अग्रवाल, लखनऊ से संयुक्ता भाटिया, मथुरा से डॉ. मुकेश आर्य बंधु, झांसी से रामतीर्थ सिंघल, मुरादाबाद से विनोद अग्रवाल, सहारनपुर से संजीव वालिया और गाजियाबाद से आशा शर्मा को उम्मीदवार घोषित किया गया है। अब तीन नगर निगम बरेली,  इलाहाबाद और फीरोजाबाद के उम्मीदवारों की घोषणा बाकी है। 

भाजपा ने साधा जातीय और जिताऊ समीकरण

भाजपा ने इस बार निकाय चुनाव के उम्मीदवार घोषित करने में जातीय और जिताऊ समीकरण पर जोर दिया है। भाजपा ने उम्मीदवारों के चयन के लिए कई दिनों तक मंथन किया है। खास यह कि सरकार और संगठन के बीच तालमेल बिठाने के साथ ही कार्यकर्ताओं को भी साधने की कोशिश की गई है। पुराने कार्यकर्ताओं और स्थापित परिवारों के लोगों को मौका देने के साथ ही व्यापारियों को लुभाने के लिए भाजपा ने विशेष पहल की है। 

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय और संगठन महामंत्री सुनील बंसल समेत चुनाव समिति के सभी सदस्य छह दिनों से लगातार उम्मीदवारों की चर्चा में जुटे हैं। नगर निगम के महापौर उम्मीदवारों की दूसरी सूची में भी संगठन को महत्व मिला है। वाराणसी में कई बार विधायक और सांसद रहे शंकर जायसवाल की पुत्रवधू मृदुला जायसवाल को मौका मिला है। जायसवाल परिवार का आरएसएस और संगठन का गहरा जुड़ाव है। 

लखनऊ में संयुक्ता भाटिया को मौका मिला है। संयुक्ता भाटिया के पति सतीश भाटिया विधायक रहे हैं। उनके निधन के बाद आरएसएस पृष्ठभूमि की संयुक्ता भाजपा संगठन में लगातार सक्रिय रही हैं। वह महिला मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से लेकर संगठन के कई महत्वपूर्ण पदों पर काम कर चुकी हैं।

मथुरा में डॉ. मुकेश आर्य बाल्मिकी नेता हैं। यहां पर गैर जाटव उम्मीदवार को भाजपा ने मौका देकर दलितों के बीच पकड़ बनाने की कोशिश की है।

झांसी में रामतीर्थ सिंघल व्यापारियों के नेता हैं। वह जिले में भाजपा के दो बार महामंत्री भी रहे। अलीगढ़ में संगठन से ही जुड़े डॉ. राजीव अग्रवाल को मौका दिया गया है। मुरादाबाद में निवर्तमान महापौर विनोद अग्रवाल पर ही पार्टी ने भरोसा जताया जबकि सहारनपुर में संजीव वालिया भी संगठन से ही जुड़े हैं। सबसे बाद में गाजियाबाद में भाजपा की पुरानी कार्यकर्ता आशा शर्मा को ही मौका दिया है।

डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय ने इन सभी को चुनाव मैदान में प्राण प्रण से जुटने को कहा है। उन्होंने पहले ही दावा किया था कि 95 फीसद कार्यकर्ताओं को टिकट मिलेगा। खासतौर से महापौर का टिकट देने में भाजपा ने संगठन को विशेष तरजीह दी है। 

भाजपा चुनाव प्रबंधन प्रभारी और प्रदेश उपाध्यक्ष जेपीएस राठौर का कहना है कि भाजपा के घोषित सभी उम्मीदवारों की आम जनता में अच्छी छवि है और कार्यकर्ताओं में लोकप्रिय हैं। उनके मुकाबले दूसरे दल कहीं नहीं टिकेंगे। प्रदेश महामंत्री अशोक कटारिया भी कहते हैं कि नये और पुराने कार्यकर्ताओं का टिकट वितरण में संगम किया गया है।

पहली सूची में संगठन के पदाधिकारियों के साथ ही जातीय समीकरण का भी ख्याल रखा गया। जीएसटी को लेकर असंतुष्ट व्यापारियों को साधने के लिए जहां वैश्य समाज को महत्व मिला वहीं ब्राह्मण और दलित समीकरण साधने में भी भाजपा ने तत्परता दिखाई।

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निकाय चुनाव में प्रभावी होंगी मोदी और योगी की योजनाएं 

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय ने कहा है कि निकाय चुनाव में उनकी पार्टी मोदी और योगी सरकार की योजनाएं लेकर जनता के बीच जाएगी। इस चुनाव में देश को गरीबी से मुक्त करने का मोदी का विजन भी प्रभावी होगा। यह विजन 2022 में मूर्त रूप लेने वाला है। प्रधानमंत्री की नीतियों से बदलते देश ने पूरे विश्व को आकर्षित किया है।

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डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय  पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। बेनामी संपत्ति पर कार्रवाई के संकल्प, 2022 तक गरीबी मुफ्त भारत निर्माण के लिए बढ़ते कदम और जीएसटी के सरलीकरण पर चर्चा करते उन्होंने व्यापारियों को राहत देने के लिए प्रधानमंत्री और उनकी टीम को बधाई दी।

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डॉ. पांडेय ने कहा कि जब कांग्रेस आठ नवंबर को नोटबंदी के विरोध में छाती पीट रहे होंगे तब मोदी सरकार का चाबुक बेनामी संपत्तियों पर चल रहा होगा। विपक्ष के विरोध से बेपरवाह राष्ट्र नव निर्माण के पथ पर बढ़ता कर्मयोगी देश को आर्थिक महाशक्ति बनाने को संकल्पित है। उन्होंने यूपीए सरकार के भ्रष्टाचार की चर्चा करते हुए कहा कि मोदी सरकार ने भ्रष्टाचार को तो समाप्त किया ही है, अब भ्रष्टाचारियों पर भी कठोर कार्रवाई चल रही है।


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