UP Politics: ‘पीडीए’ को और धार देगी सपा, अब 2027 का विधानसभा चुनाव है अखिलेश का लक्ष्य
समाजवादी पार्टी ने पीडीए की रणनीति अपनाई तो उसे पार्टी गठन के बाद अब तक के सबसे अच्छे परिणाम मिले। सर्वाधिक 37 सीटाें के साथ ही 33.59 प्रतिशत वोट मिले हैं। इससे पहले वर्ष 2004 में उसे सबसे अधिक 35 सीटें मिली थीं उस समय उसे मात्र 26.74 प्रतिशत ही मत मिले थे। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में भी उसे 32 प्रतशित वोट मिले थे।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) फार्मूले ने बड़ा काम किया। 37 सीटें जीतकर सपा प्रदेश में सबसे बड़ी पार्टी बन गई है। सपा पीडीए की जुटान को सामाजिक एकजुटता का सकारात्मक आंदोलन मान रही है। यही कारण है कि पार्टी पीडीए की एकजुटता व जोश वर्ष 2027 के विधानसभा चुनाव तक कम नहीं होने देना चाहती है। सपा 2027 को लक्ष्य बनाकर पीडीए को और धार देगी। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने संविधान, लोकतंत्र, आरक्षण, समता-समानता, सौहार्द की रक्षा जैसे मुद्दों पर भी लगातार भाजपा सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है।
समाजवादी पार्टी ने पीडीए की रणनीति अपनाई तो उसे पार्टी गठन के बाद अब तक के सबसे अच्छे परिणाम मिले। सर्वाधिक 37 सीटाें के साथ ही 33.59 प्रतिशत वोट मिले हैं। इससे पहले वर्ष 2004 में उसे सबसे अधिक 35 सीटें मिली थीं उस समय उसे मात्र 26.74 प्रतिशत ही मत मिले थे। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में भी उसे 32 प्रतशित वोट मिले थे। इस बार सपा ने पीडीए के जरिए जातियाें का ऐसा गुलदस्ता तैयार किया जिसकी काट भाजपा भी नहीं कर पाई।
सपा अध्यक्ष ने कार्यकर्ताओं के इस उत्साह को बनाए रखने के लिए लक्ष्य 2027 दे दिया है। उन्होंने अपने नेताओं व कार्यकर्ताओं से भी स्पष्ट कहा है कि सपा को समाज के हर वर्ग और तबके ने वोट देकर भविष्य की राजनीति की दिशा केवल उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश में बदल दी है। पीडीए का सामाजिक समरसता का संदेश ‘न्यू इंडिया’ के लिए नया पैगाम है। पार्टी की नजर अति पिछड़ी जातियों के साथ ही बसपा के दलित वोट बैंक पर है जो उसके कमजोर होने से बिखर रहा है। पार्टी इसे अपने साथ लाकर और मजबूत होने की कोशिश में जुटी है। आने वाले दिनों में सपा दलितों व अति पिछड़ी जातियों के नेताओं को महत्वपूर्ण पद देकर पीडीए को और मजबूत करेंगे।
भाजपा सरकार पर कसा तंज
सपा अध्यक्ष ने रविवार को भाजपा सरकार पर तंज कसा। उन्होंने इंटरनेट मीडिया एक्स पर पोस्ट किया...ऊपर से जुड़ा कोई तार नहीं, नीचे कोई आधार नहीं, अधर में जो है अटकी हुई वो तो कोई ‘सरकार’ नहीं...। यह तंज लोकसभा चुनाव में भाजपा के पूर्ण बहुमत न पाने के लिए किया गया है।
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