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    बुलडोजर एक्शन पर रोक लगने से सपा हुई खुश, अखिलेश बोले- यह लोगों को डराने के लिए और…

    सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बुलडोजर एक्शन पर रोक लगाने का आदेश दिया है जिस पर समाजवादी पार्टी ने स्वागत किया है। अदालत ने कहा कि अगले आदेश तक देश में कहीं भी मनमाने ढंग से बुलडोजर की कार्रवाई नहीं होगी। अदालत के इस फैसले पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि बुलडोजर एक्शन असंवैधानिक था।

    By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Updated: Tue, 17 Sep 2024 06:00 PM (IST)
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    सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर समाजवादी पार्टी काफी खुश नजर आ रही है।

    डिजिटल डेस्क, लखनऊ। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बुलडोजर एक्शन पर मंगलवार को रोक लगाने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर समाजवादी पार्टी काफी खुश नजर आ रही है। 

    सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने बुलडोजर एक्शन पर रोक लगने के फैसले का स्वागत किया और कहा कि बुलडोजर लोगों को डराने और विपक्ष की आवाज दबाने के लिए था। उनका इशारा सीएम योगी के ‘बुलडोजर एक्शन’ की ओर था।

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    लोगों में भय पैदा किया जाता था: अखिलेश

    अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी बुलडोजर एक्शन का इतना महिमामंडन कर रहे थे कि बुलडोजर को ही न्याय बता दिया। उन्होंने कहा कि बुलडोजर से लोगों में भय पैदा किया जाता था।

    वहीं, सपा सांसद अवधेश प्रसाद ने भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कि माननीय न्यायालय ने बहुत ही न्यायसंगत और तर्कसंगत निर्णय लिया है। इस निर्णय से उच्चतम न्यायालय की गरिमा और बढ़ गई है।

    सुप्रीम कोर्ट का अंतरिम आदेश

    मालूम हो कि आपराधिक और अन्य मामलों में होने वाले बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को रोक लगाई है। कोर्ट ने कहा कि अगले आदेश तक देश में कहीं भी मनमाने ढंग से बुलडोजर की कार्रवाई नहीं होगी। 

    हालांकि, यह सुप्रीम कोर्ट का अंतरिम आदेश है। शीर्ष अदालत इस संबंध में दिशा निर्देश जारी करेगा। देश के सभी राज्यों को इन निर्देशों का पालन करना होगा। बुलडोजर एक्शन के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट अब एक अक्टूबर को अगली सुनवाई करेगा। शीर्ष अदालत ने बुलडोजर कार्रवाई के महिमा मंडन पर भी सवाल खड़ा किया। कोर्ट ने कहा यह रुकना चाहिए।

    सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि अगली सुनवाई तक हमारी अनुमति से ही एक्शन लें। शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया है कि सड़क, फुटपाथ, रेलवे लाइन पर किए गए अवैध निर्माण पर यह निर्देश लागू नहीं होगा।

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