रिटायर्ड जनरल मैनेजर को ‘सीबीआई अफसर’ ने किया डिजिटल अरेस्ट, बैंक जाने से पहले सामने आई सच्चाई तो उड़ गए होश!
UP News - लखनऊ में साइबर ठगी का एक बड़ा मामला सामने आया है जिसमें रेलवे के सेवानिवृत्त महाप्रबंधक और एक महिला को डिजिटल अरेस्ट कर 18.20 लाख रुपये ठग लिए गए। ठगों ने दिल्ली पुलिस और सीबीआई अधिकारी बनकर मनी लॉन्ड्रिंग और वारंट का डर दिखाया था और पीड़ितों को दबाव बनाकर पैसे ट्रांसफर करने के लिए कहा गया।

जागरण संवाददाता, लखनऊ। रेलवे के सेवानिवृत्त महाप्रबंधक और महिला को डिजिटल अरेस्ट कर 18.20 लाख रुपये ऐंठ लिए। ठगी का एहसास होने पर पीड़ितों ने साइबर क्राइम थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। जालसाजों ने दिल्ली पुलिस और सीबीआई अधिकारी बनकर मनी लॉन्ड्रिंग और वारंट का डर दिखाया था।
यह है पूरा मामला
अर्जुनगंज निवासी रेलवे के सेवानिवृत्त महाप्रबंधक कमल कुमार ने बताया कि छह दिसंबर को जालसाजों ने फोन कर कहा कि आपके मोबाइल नंबर गैर-कानूनी कार्यों के चलते दिल्ली में मुकदमा दर्ज किया गया है। इसके बाद कॉल ट्रांसफर कर दी।
दूसरे व्यक्ति ने अपना परिचय इंस्पेक्टर कनॉट प्लेस नई दिल्ली के रूप में दिया। बताया कि उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस भी दर्ज है। इसके बाद पीड़ित की कॉल सात दिसंबर को एक बार और ट्रांसफर कर दी गई। महिला ने खुद को सीबीआई की डीसीपी नवजोत सिमी बताया।
उसने पीड़ित के खाते में मौजूद रुपयों की जांच की बात कहकर 12 लाख रुपये दबाव बनाकर ट्रांसफर करा लिए। इसके बाद अन्य संपत्ति की जानकारी लेकर उनके शेयर 90 लाख रुपये में बिकवा दिए। उनमें से 40 लाख रुपये ट्रांसफर करने के लिए कहा।
13 दिसंबर को पीड़ित आरटीजीएस के लिए बैंक पहुंचा। प्रक्रिया में समय लगा और रुपये ट्रांसफर नहीं हो सके। 14 और 15 दिसम्बर को बंद थी। इसी बीच पीड़ित ने परिवार से बात की तो उन्हें ठगी का एहसास हुआ। 16 दिसंबर को फिर से साइबर जालसाजों ने पीड़ित को डरा धमका कर रुपये ट्रांसफर करने का दबाव बनाया। पर, पीड़ित ने इस बार रुपये ट्रांसफर नहीं किए।
ट्राई का अधिकारी बताकर ठगा
वहीं, गोमतीनगर के विक्रांत खंड-2 निवासी रेनू वर्मा ने पुलिस को बताया कि 18 दिसंबर को एक वॉट्सएप कॉल आई। फोन करने वाले ने खुद को ट्राई का अधिकारी बताया। कहा कि मोबाइल नंबर के खिलाफ दिल्ली पुलिस में रिपोर्ट दर्ज है। दिल्ली पुलिस की जांच के बाद नंबर ऑन किया जाएगा।
इसके बाद पीड़िता की बात वीडियो कॉल पर एक व्यक्ति से कराई गई। उसने खुद को दिल्ली पुलिस में तैनात डीसीपी राजवीर कुमार बताया। कहा कि उनके खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी हो गया है। इसके बाद जाल में फंसाकर 6.20 लाख रुपये साइबर जालसाजों ने ट्रांसफर करा लिए।
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