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    Religion Conversion Gang: Religion Conversion Gang: लखनऊ में 250 से ज्यादा लोगों का मतांतरण, ईसाई बनाने वाला एक गिरफ्तार

    Updated: Sun, 28 Sep 2025 07:33 PM (IST)

    Religion Conversion in Lucknow गिरफ्तार आरोपी मेहंदौली के मजरा बख्तौरीखेड़ा गांव निवासी मलखान उर्फ मलखान मैथियूज है। उसने अपने गांव में खेत पर बने मकान को चर्च का रूप दे दिया था जहां रविवार और गुरुवार को प्रार्थना सभाएं आयोजित की जाती थीं। पुलिस ने इसी सभा के दौरान उसे पकड़ लिया और तथाकथित चर्च को सील कर दिया।

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    पुलिस ने आरोपी मलखान को गिरफ्तार किया

    जागरण टीम, लखनऊ: पुलिस ने निगोहां मेहंदौली गांव के बकरौरी खेड़ा से रविवार को एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया, जो लोगों का मतांतरण करवा कर उन्हें ईसाई बनवा रहा था। पुलिस जांच में पता चला कि इस गिरोह ने बीते दो वर्षों में आसपास के गांवों में लगभग 250 से अधिक लोगों का मतांतरण करवाया है।

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    लोगों को बीमारी ठीक करने या आर्थिक लाभ देने के नाम पर फंसाया गया था। जाल में फंसे 12 लोग सामने आए। पुलिस उपायुक्त दक्षिणी (डीसीपी) निपुण अग्रवाल ने बताया कि स्थानीय सामाजिक संगठन से जुड़े धर्मेंद्र शर्मा ने मुकदमा दर्ज कराया। गिरोह के अन्य सदस्यों का पता लगाने के लिए चार टीमें लगाई गई हैं। पुलिस ने मौके से आरोपी मलखान को गिरफ्तार किया है, जो अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के गरीब लोगों को लालच और इलाज का झांसा देकर हिंदू धर्म से ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रेरित करता था।

    डीसीपी ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी मेहंदौली के मजरा बख्तौरीखेड़ा गांव निवासी मलखान उर्फ मलखान मैथियूज है। उसने अपने गांव में खेत पर बने मकान को चर्च का रूप दे दिया था, जहां रविवार और गुरुवार को प्रार्थना सभाएं आयोजित की जाती थीं। पुलिस ने इसी सभा के दौरान उसे पकड़ लिया और तथाकथित चर्च को सील कर दिया।

    पुलिस की जांच में पता चला कि मलखान वर्ष 2016 में पास्टर बना था और उसने अपनी पत्नी और तीन बच्चों का मतांतरण करवाया था। इसके अलावा, उसने कई अन्य लोगों को भी पास्टर बनाया था। ये लोग आसपास के 20 से अधिक गांवों में सक्रिय थे और वाट्सएप ग्रुप तथा अन्य माध्यमों से लोगों को जोड़कर चंगई सभा में बुलाते थे।

    सभा में नए नियम समझाते थे, जिनमें महिलाओं को सिंदूर और चूड़ी नहीं पहनने की हिदायत दी जाती थी। इसके अलावा, बच्चों और पुरुषों के लिए भी अलग-अलग नियम थे। इन नियमों के तहत, मतांतरित लोग मंदिर में नहीं जा सकते थे और न ही घर में पूजा कर सकते थे।

    मलखान ने बताया कि उसका गिरोह पिछले दो वर्षों से सक्रिय है और वह निगोहां के अलावा शहर के अन्य लोगों को भी अपने जाल में फंसा रहा था। इस गिरोह में शामिल लोगों को प्रचार-प्रसार के नाम पर रकम भी दी जाती थी। पुलिस ने मलखान को गिरफ्तार कर लिया है।

    मलखान ने 2016 से शुरू किया मतांतरण

    मलखान ने वर्ष 2016 में स्वयं ईसाई धर्म अपनाया था। उसने अपने खेत में चर्चा (सभा स्थल) बनाई और आर्थिक रूप से कमजोर व असहाय परिवारों को अपना निशाना बनाना शुरू किया। दो वर्षों में 12 से अधिक लोगों का मतांतरण कराया। आरोपी विशेष रूप से अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के लोगों को निशाना बनाता था। उन्हें इलाज, आर्थिक सहायता और बीमारियों से छुटकारे का लालच देकर अपने विश्वास में लेता था। ग्रामीणों का कहना है कि कई बार उसने लोगों से कहा कि धर्म बदलने के बाद उनके जीवन की समस्याएं खत्म हो जाएंगी।

    निशाना अनुसूचित जाति के लोग औप महिलाएं

    पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह गिरोह विशेष रूप से अनुसूचित जाति की महिलाओं और बच्चों को निशाना बनाता था। ये लोग बीमारी ठीक करने और चमत्कार दिखाने के नाम पर उन्हें ईसाई धर्म अपनाने का लालच देते थे। इसके बदले में आनलाइन नहीं, बल्कि नकदी में मदद करते थे। अब तक 12 लोग सामने आए हैं, जिनके बयान दर्ज किए जा रहे हैं।