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    UP Rent Agreement Rules 2025: फ्लैट-मकान के रेंट एग्रीमेंट के नियमों में हुआ बदलाव, अब योगी सरकार ने की ये व्यवस्था

    Uttar Pradesh Rent Agreement Rules 2025 - यूपी में अब किराया अनुबंध पंजीकृत कराना सस्ता होगा। राज्य सरकार ने स्टांप ड्यूटी में कटौती करने का फैसला किया है। एक लाख रुपये तक के वार्षिक किराये पर अब सिर्फ 500 रुपये लगेंगे। इस निर्णय से संपत्ति मालिकों को नए किराया नियंत्रण कानून का लाभ मिलेगा और अदालतों में किरायेदारी संबंधी मामले कम होंगे।

    By Ajay Jaiswal Edited By: Shivam Yadav Updated: Tue, 13 May 2025 02:59 PM (IST)
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    किराया अनुबंध को पंजीकृत कराने का घटेगा खर्चा।

    अजय जायसवाल, लखनऊ।  Rent Agreement New Rules 2025 | फ्लैट-मकान आदि को किराए पर देने की पक्की लिखी-पढ़ी (रजिस्टर्ड एग्रीमेंट) के लिए अब आपको मामूली धनराशि ही खर्च करनी पड़ेगी। राज्य सरकार रेंट एग्रीमेंट (किराया अनुबंध) को पंजीकृत कराने पर लगने वाली स्टांप ड्यूटी को काफी हद तक कम करने जा रही है। 

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    एक लाख रुपये तक के वार्षिक किराए वाले एक वर्ष के रेंट एग्रीमेंट को सिर्फ 500 रुपये में ही पंजीकृत कराया जा सकेगा। 

    इसी तरह, 10 वर्ष तक की अवधि के एग्रीमेंट का खर्चा दो हजार रुपये होगा। अगर 10 वर्ष तक की अवधि का वार्षिक किराया छह लाख रुपये तक है तब भी अधिकतम आठ हजार रुपये ही खर्च करने होंगे। 

    नए रेंट कंट्रोल कानून का लाभ मिलेगा

    सरकार को उम्मीद है कि रजिस्टर्ड एग्रीमेंट के खर्चे को बेहद कम करने से ज्यादा से ज्यादा संपत्ति स्वामी किरायेदारी के अनुबंध को पंजीकृत कराने के लिए आगे आएंगे। 

    ऐसे में किरायेदारी संबंधी विवाद पर संपत्ति स्वामी को नए रेंट कंट्रोल कानून का लाभ मिल सकेगा। एग्रीमेंट से हटकर सिविल कोर्ट या पुलिस से किरायेदार को राहत नहीं मिल सकेगी जिससे किरायेदारी संबंधी कोर्ट में बढ़ते मामलों में कमी आएगी।

    वर्तमान में रेंट एग्रीमेंट, रजिस्टर्ड कराने पर औसत वार्षिक किराए का दो प्रतिशत स्टांप ड्यूटी देनी पड़ती है। यही कारण है कि फ्लैट-मकान मालिक और किरायेदार ज्यादातर रेंट एग्रीमेंट को रजिस्टर्ड नहीं कराते हैं। 

    चूंकि कानूनन 11 महीने के रेंट एग्रीमेंट को रजिस्टर्ड कराने की अनिवार्यता नहीं है इसलिए 100 रुपये के स्टांप पेपर पर रेंट एग्रीमेंट से ही काम चलाया जा रहा है। ऐसे में किरायेदार को लेकर विवाद पर मकान मालिक को थाने से कोर्ट तक चक्कर लगाने पड़ते हैं। इसको देखते हुए योगी सरकार, मकान मालिकों को राहत देने के लिए रेंट एग्रीमेंट को रजिस्टर्ड कराने के खर्च को मामूली करने जा रही है।

    सूत्रों के मुताबिक, एक लाख रुपये तक का वार्षिक किराया होने पर रेंट एग्रीमेंट को रजिस्टर्ड कराने का खर्चा जहां 500 रुपये किया जा रहा है, वहीं एक से तीन लाख किराया होने पर एक हजार और तीन से छह लाख रुपये पर दो हजार रुपये ही खर्च होंगे। 

    पांच वर्ष के रेंट एग्रीमेंट के रजिस्ट्रेशन पर 1500 से छह हजार रुपये और 10 वर्ष की अवधि होने पर दो हजार से आठ हजार रुपये ही खर्च होंगे। 

    स्टांप एवं पंजीयन मंत्री रवीन्द्र जायसवाल ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर रेंट एग्रीमेंट को रजिस्टर्ड कराने के खर्चे को घटाने के साथ ही पूरी प्रक्रिया को भी आसान बनाने की तैयारी है। जल्द ही संबंधित प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी मिलते ही लागू किया जाएगा।

    पक्की लिखा-पढ़ी का प्रस्तावित खर्चा

    अवधि एक लाख तक एक से तीन लाख तीन से छह लाख तक
    एक वर्ष 500 1000 2000
    पांच वर्ष 1500 3000 6000
    10 वर्ष 2000 4000 8000