भाजपा का अब वैचारिक तीर्थ होगा राष्ट्र प्रेरणा स्थल, कार्यकर्ता और नेता लेंगे सीख
Rashtra Prerna Sthal: जनसंघ से लेकर भाजपा तक पार्टी जिन महापुरुषों का नाम लेकर चली, बढ़ी और आज शिखर की ओर अग्रसर है उनका संगम एक ही स्थल पर हुआ है और ...और पढ़ें

लखनऊ : राष्ट्र प्रेरणा स्थल
धर्मेश अवस्थी, लखनऊ : भाजपाई व राष्ट्र प्रेमी भारत माता की प्रतिमा की आराधना व सार्वजनिक मंचों से जयकारा लगाते आए हैं। व्यक्तिगत, समूहों व जातियों से ऊपर उठकर देश प्रथम की भावना भी भाजपा जगाती रही है।
भाजपा में महापुरुषों का सम्मान व विरासत पर गर्व करने की समृद्ध परंपरा वर्षों से है। अब पार्टी के पितृ पुरुष की कर्मस्थली में ऐसा भव्य स्थल तैयार हो गया है, जहां आकर भाजपाई यह सीख सकेंगे विपरीत परिस्थिति में भी राष्ट्र की सेवा कैसे हो सकती है।
जनसंघ से लेकर भाजपा तक पार्टी जिन महापुरुषों का नाम लेकर चली, बढ़ी और आज शिखर की ओर अग्रसर है उनका संगम एक ही स्थल पर हुआ है और तीनों मूर्तरूप में मुस्कुरा रहे हैं।
समाज के चिंतक डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी, विचारक पंडित दीनदयाल उपाध्याय व सुशासन पुरुष कहे गए अटल बिहारी वाजपेयी के विचारों को ही साकार करने में राज्य से लेकर केंद्र तक की भाजपा सरकारें जुटीं हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने समझाया यह स्थल उस सोच का प्रतीक है जिसने भारत को आत्मसम्मान, एकता व सेवा का मार्ग दिखाया।
यहां तक कहा कि तीनों प्रतिमाएं जितनी ऊंची हैं उनसे मिलने वाली प्रेरणा उससे भी ज्यादा बुलंद हैं। पीएम मोदी यही नहीं रुके बोले, स्थल यह भी संदेश देता है कि हमारा हर प्रयास राष्ट्र निर्माण के लिए हो, क्योंकि सभी का प्रयास ही विकसित भारत के संकल्प को सिद्ध करेगा। प्रधानमंत्री ने इसे गर्व के साथ आधुनिक प्रेरणा स्थली बताया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अभी 14 दिसंबर को ही डा. राममनोहर लोहिया केंद्रीय विधि विश्वविद्यालय के अंबेडकर सभागार में संगठन पर्व के मौके पर भाजपाइयों से कहा था कि अभी मतदाता पुनरीक्षण का कार्य प्राथमिकता से पूरा कर लें। लखनऊ के राष्ट्र प्रेरणा स्थल व अयोध्या का भव्य श्रीराम मंदिर का दर्शन सभी को कराएंगे।
यूपी भाजपा कार्यकर्ताओं से होने वाली शुरुआत देशभर के भाजपाइयों को आकर्षित करेगी। पश्चिम बंगाल का चुनाव सिर पर है, स्थल पर पश्चिम बंगाल के ही सपूत डा. श्यामा प्रसाद की मूर्ति और उनका जीवन संघर्ष का दर्शन करने भाजपाई उमड़े तो आश्चर्य कैसा।
अब विभूतियों की त्रयी का राष्ट्र प्रेम का जीवंत प्रमाण बनना तय है। भले ही गुरुवार को आयोजित लोकार्पण समारोह में आसपास के जिलों के लाभार्थी आए लेकिन, इस स्थल पर देशभर के पार्टी नेता व कार्यकर्ताओं के साथ समाजसेवा करने वालों के उमड़ने उम्मीद है।

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