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    बुंदेलखंड का पहला व उत्तर प्रदेश का चौथा टाइगर रिजर्व बना रानीपुर, 529 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में होगा विकसित

    By Shobhit SrivastavaEdited By: Umesh Tiwari
    Updated: Mon, 31 Oct 2022 11:42 PM (IST)

    Ranipur Tiger Reserve उत्तर प्रदेश में तीन टाइगर रिजर्व हैं। इनमें दुधवा टाइगर रिजर्व अमानगढ़ टाइगर रिजर्व व पीलीभीत टाइगर रिजर्व शामिल हैं। रानीपुर टाइगर रिजर्व अधिसूचित होने के साथ ही अब यह भारत सरकार के प्रोजेक्ट टाइगर का हिस्सा बन गया है।

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    Ranipur Tiger Reserve: रानीपुर टाइगर रिजर्व के लिए चित्रकूट में 529 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र किया गया अधिसूचित

    लखनऊ, राज्य ब्यूरो। चित्रकूट स्थित रानीपुर वन्यजीव विहार (Ranipur Wildlife Sanctuary) बुंदेलखंड का पहला और उत्तर प्रदेश का चौथा टाइगर रिजर्व (Ranipur Tiger Reserve) बन गया है। करीब 529.36 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में रानीपुर टाइगर रिजर्व विकसित किया जाएगा। केन-बेतवा लिंक परियोजना के कारण मध्य प्रदेश का पन्ना टाइगर रिजर्व का बड़ा हिस्सा डूब क्षेत्र में आने के करण वहां के बाघ चित्रकूट की ओर आएंगे। इसलिए प्रदेश सरकार ने 18 अक्टूबर को रानीपुर टाइगर रिजर्व बनाने की अधिसूचना जारी कर दी है।

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    भारत सरकार के प्रोजेक्ट टाइगर का हिस्सा

    वर्तमान में उत्तर प्रदेश में तीन टाइगर रिजर्व हैं। इनमें दुधवा टाइगर रिजर्व, अमानगढ़ टाइगर रिजर्व व पीलीभीत टाइगर रिजर्व शामिल हैं। रानीपुर वन्यजीव विहार करीब 230 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में है। इसके अलावा करीब 299 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्रफल इसमें और जोड़ा गया है। रानीपुर टाइगर रिजर्व अधिसूचित होने के साथ ही अब यह भारत सरकार के प्रोजेक्ट टाइगर का हिस्सा बन गया है। इस योजना के तहत केंद्र सरकार कुछ मदों में 60 प्रतिशत व राज्य सरकार 40 प्रतिशत धनराशि देगी, जबकि अन्य मदों में केंद्र व राज्य सरकार 50-50 प्रतिशत धनराशि प्रदान करेंगी।

    पन्ना टाइगर रिजर्व से यहां आ जाएंगे बाघ

    इस टाइगर रिजर्व के बनने से डूब क्षेत्र में आने के बाद पन्ना टाइगर रिजर्व से बाघ यहां आ जाएंगे। इनका पुनर्वास सुरक्षित रूप में हो सकेगा। इससे प्रदेश में बाघों की संख्या में भी वृद्धि होगी। इसे बुंदेलखंड क्षेत्र में इको पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। क्षेत्र का आर्थिक, सामाजिक व सांस्कृतिक विकास होगा साथ ही प्राकृतिक वातावरण को बेहतर ढंग से सुरक्षित रखा जा सकेगा।

    ये क्षेत्र हुए शामिल

    • मानिकपुर-1, मानिकपुर-2, मारकुण्डी-1, मारकुण्डी-2, कर्वी, रैपुरा व बरगढ़ रेंज
    • कुल कोर एरिया - 230 वर्ग किलोमीटर
    • कुल बफर जोन - 299 वर्ग किलोमीटर
    • रानीपुर टाइगर रिजर्व कुल एरिया - 529.36 वर्ग किलोमीटर

    एक वर्ष से अधिक का लगेगा समय

    प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव केपी दुबे ने बताया कि केन-बेतवा लिंक परियोजना के चलते पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघों के प्रमुख आवास का बड़ा हिस्सा पानी में डूब जाएगा। यहां के जानवर चार पांच जगह बंटने की उम्मीद है। पन्ना टाइगर रिजर्व से लगा हुआ रानीपुर वन्य जीव विहार है। चूंकि रानीपुर में पहले भी पन्ना टाइगर रिजर्व के टाइगर यहां आ जाते थे, इसलिए केंद्र सरकार ने निर्देश पर रानीपुर टाइगर रिजर्व बनाया गया है। केंद्र सरकार की ही एजेंसी सर्वेक्षण करेगी कि कौन सा हिस्सा किस जानवर के लिए मुफीद होगा। इस काम में करीब एक वर्ष से अधिक समय लगने की उम्मीद है।