शाह की कमेटी में राजनाथ समर्थकों का दबदबा
भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की नवगठित कार्यकारिणी में प्रदेश से राजनाथ सिंह के समर्थकों का तरजीह मिली। दिल्ली चुनाव के नतीजों से सबक सीख चुके नेतृत्व ने पुराने चेहरों को आगे किया।
लखनऊ (राज्य ब्यूरो)। भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की नवगठित कार्यकारिणी में प्रदेश से राजनाथ सिंह के समर्थकों का तरजीह मिली। दिल्ली चुनाव के नतीजों से सबक सीख चुके नेतृत्व ने पुराने चेहरों को आगे किया।
कार्यकारिणी सदस्य में नरेंद्र मोदी व अटल बिहारी वाजपेयी के अलावा पूर्व अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी, राजनाथ सिंह, कलराज मिश्र, मुख्तार अब्बास नकवी भी शामिल है। लम्बे समय से अलग थगल पड़े विनय कटियार और रमापति राम त्रिपाठी का नाम भी सूची में शुमार है। विनय कटियार के साथ पूर्व महासचिव वरुण गांधी, आदित्य नाथ, उमा भारती व केशव मौर्य जैसे हिन्दुत्ववादी छवि वाले चेहरे शाह की कमेटी में लेने को मिशन- 2017 की तैयारियां से जोड़कर देखा जा रहा है। जाहिर है सूबे में सपा सरकार के रहते भाजपा हिन्दुत्व कार्ड को आजमाना न छोड़ेगी। बयानों से विवादों में उलझी केंद्रीय राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति को कार्यकारिणी में लिया जाना भाजपा के इरादे पुख्ता करता है।
कठेरिया महामंत्री न होंगे, संजीव बालियान हाशिए पर
पिछली कार्यकारिणी में राष्ट्रीय महामंत्री आगरा के सांसद डा. रामशंकर कठेरिया का मंत्रिमंडल में शामिल होने के बाद से संगठन का दायित्व वापस होना तय माना जा रहा था लेकिन दलित चेहरे के रूप में उन्हें कार्यकारिणी में बनाए रखा गया लेकिन दमदार जाट नेता के रूप में उभर रहे मुजफ्फरनगर के सांसद डा. संजीव बालियान को हाशिए पर रखना चर्चा का विषय है। बालियान प्रदेश से ऐसे अकेले मंत्री है जिन्हें कार्यकारिणी में जगह न मिल सकी। इसी तरह से पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश सिंह व सूर्य प्रताप शाही को भी किनारे किया गया जबकि लालजी टण्डन, वीके सिंह और विनोद पांडेय, मनोज सिन्हा, रविकांत गर्ग, मेनका गांधी, डा. महेश शर्मा व संतोष गंगवार को कमेटी में लिया है।
नेता पुत्रों पर भी अमित शाह ने नरम निगाहें रखी। कल्याण सिंह के पुत्र व सांसद राजवीर सिंह (राजू भईया)भी शाह की टीम में शामिल है। आमंत्रित सदस्यों में एमएलसी महेन्द्र सिंह, पूर्व सांसद चेतन चौहान, अशोक धवन व भाजपा में नए आए एसपी बघेल और पूर्व सांसद रमेश तोमर भी शामिल है। बता दे कि बघेल लोकसभा चुनाव के दौरान बसपा छोड़कर टिकट पाए गये थे जबकि नोएडा संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी रमेश चंद तोमर ने नरेंद्र मोदी की सभा में भाजपा में घर वापसी की थी। उधर कार्यकारिणी में पूर्वांचल को अतिरिक्त प्रतिनिधित्व देने से अन्य क्षेत्रों में मायूसी है।