ब्रिटिश नागरिक हैं राहुल गांधी? इलाहाबाद हाई कोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब, 19 दिसंबर को अगली सुनवाई
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने राहुल गांधी की कथित ब्रिटिश नागरिकता मामले में केंद्र सरकार से जानकारी मांगी है। कोर्ट ने कहा है कि केंद्र सरकार ने इस प्रत्यावेदन पर जो भी निर्णय लिया है उसे 19 दिसंबर को अगली सुनवाई पर अवगत कराया जाए। याचिका में राहुल के दोहरी नागरिकता को भारतीय न्याय संहिता तहत अपराध बताते हुए को केस दर्ज करने भी मांग की है।

विधि संवाददाता, लखनऊ। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की ब्रिटिश नागरिकता संबंधी कथित विवाद के मामले में भेजे गए एक प्रत्यावेदन पर केंद्र सरकार के लिए गए निर्णय की जानकारी तलब की है।
कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार ने इस प्रत्यावेदन पर जो भी निर्णय लिया है, उसे 19 दिसंबर को अगली सुनवाई पर अवगत कराया जाए।
यह आदेश जस्टिस एआर मसूदी व जस्टिस सुभाष विद्यार्थी की पीठ ने कर्नाटक के एक भाजपा कार्यकर्ता एस विग्नेश शिशिर की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर पारित किया है। याचिका पर पूर्व में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने केंद्र सरकार से जानकारी मांगी थी कि क्या याची का प्रत्यावेदन उसे प्राप्त हुआ है।
पूर्व आदेश के अनुपालन में केंद्र के डिप्टी सालिसिटर जनरल एसबी पांडे ने कोर्ट को बताया गया कि याची का प्रत्यावेदन संबंधित मंत्रालय को प्राप्त हो चुका है। इस पर कोर्ट ने कहा कि प्रत्यावेदन पर जो भी निर्णय लिया जाए अगली सुनवाई पर अवगत कराएं।
उल्लेखनीय है कि याची की ओर से दलील दी गई थी कि उसके पास तमाम दस्तावेज और ब्रिटिश सरकार के कुछ ई-मेल हैं जिनसे यह सिद्ध होता है कि राहुल गांधी एक ब्रिटिश नागरिक हैं और इस कारण से वह भारत में चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य हैं।
याची ने कहा कि उसने इस संबंध में सक्षम प्राधिकारी को दो बार शिकायत भेजी लेकिन कोई कार्रवाई न होने पर वर्तमान याचिका दाखिल की है। याचिका में राहुल के दोहरी नागरिकता को भारतीय न्याय संहिता तथा पासपोर्ट एक्ट के तहत अपराध बताते हुए सीबीआइ को केस दर्ज कर जांच करने का आदेश देने की भी मांग की गई है।
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