लखनऊ के लोहिया संस्थान में एमबीबीएस छात्रों की रैगिंग, सीनियर के खौफ से देर रात तक पहने रहते हैं ड्रेस
लखनऊ के डा. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में पीडि़त छात्रों ने बताया कि सीनियर छात्रों ने बाल बिल्कुल छोटे रखने ढीली और डबल प्लेट की पैंट पहनने दाढ़ी न बढ़ाने और सिर झुका कर चलने के लिए कहा गया है।

लखनऊ, जागरण संवाददाता। डा. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में एमबीबीएस प्रथम वर्ष की कक्षाओं के साथ ही रैगिंग भी शुरू हो गई है। सीनियर के डर से जूनियर विद्यार्थी देर रात तक यूनिफार्म में ही नजर आते हैं। खौफ इतना है कि वे इसकी शिकायत एंटी रैगिंग सेल में भी नहीं कर पा रहे हैं।
लोहिया संस्थान प्रशासन ने जूनियर विद्यार्थियों को परिसर के छात्रावास में और सीनियर को शहीद पथ छात्रावास में रखा गया है। इसके बावजूद कैंपस परिसर में रैगिंग चल रही है। दैनिक जागरण के पास कई जूनियर की शिकायतें हैं, लेकिन हम उनके अनुरोध पर उनका नाम नहीं प्रकाशित कर रहे। पीडि़त छात्रों ने बताया कि सीनियर छात्रों ने बाल बिल्कुल छोटे रखने, ढीली और डबल प्लेट की पैंट पहनने, दाढ़ी न बढ़ाने और सिर झुका कर चलने के लिए कहा है। ऐसा न करने पर सीनियर से अपमानित होना पड़ता है।
प्रथम वर्ष के छात्रों को यूनिफार्म में ही रात के भोजन के समय मेस में आने को कहा गया है। जूनियर छात्रों का कहना है कि सीनियर के डर से वे मानसिक तनाव में हैं। लोहिया संस्थान में 2021 में भी प्रथम वर्ष के छात्रों के साथ सीनियर छात्रों ने रैगिंग की थी। इसकी शिकायत जब ईमेल के जरिए प्रशासन तक पहुंची थी, तब चार महीने की जांच के बाद 15 छात्रों को निलंबित किया गया था।
रैगिंग की कोई शिकायत नहीं मिली है। हास्टल में रैगिंग संभव नहीं है, क्योंकि सीनियर और जूनियर विद्यार्थियों के छात्रावास अलग-अलग हैं। मेस या अन्य स्थानों पर रैगिंग हो रही है तो प्राक्टर और वार्डन से इसकी जानकारी ली जाएगी। रैगिंग करने वाले छात्रों पर कार्रवाई की जाएगी। - डा. सुजीत राय, अपर चिकित्सा अधीक्षक
लोहिया संस्थान में बढ़ेंगी परास्नातक की 45 सीटें : देशभर में लंबे समय से विशेषज्ञ डाक्टरों की कमी महसूस की जा रही है। इसी के चलते अब संस्थानों में परास्नातक (पीजी) की सीटों में इजाफा किया जा रहा है। नेशनल मेडिकल काउंसिल (एनएमसी) ने राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में परास्नातक की 45 सीटें बढ़ाई हैं।
लोहिया संस्थान के अपर चिकित्सा अधीक्षक डा. सुजीत राय के अनुसार, संस्थान में प्रतिदिन लगभग तीन हजार मरीज आते हैं।
पीजी की सीटें बढऩे से संस्थान में विशेषज्ञ डाक्टर भी बढ़ेंगे। इससे मरीजों को और बेहतर परामर्श मिल सकेगा। एनएमसी की टीम ने मेडिसिन, एनाटामी, एनेस्थीसिया, आर्थोपेडिक, फार्माकोलाजी, फिजियोलाजी, प्रसूति, पैथोलाजी और जनरल सर्जरी विभागों में पीजी की सीटें बढ़ाने की अनुमति दी है। इन सीटों के बढ़ाने के बाद कुछ नये पीजी कोर्स भी शुरू किये जा सकते हैं।
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