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    मौलाना राबे हसन नदवी पांचवीं बार मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष

    मौलाना राबे हसन नदवी को सहमति से बोर्ड का अध्यक्ष चुन लिया गया है, मौलाना खुद को बोर्ड के काम से अलग रखना चाहते थे मगर सदस्यों की जिद के सामने उन्हें यह जिम्मेदारी कबूल करनी पड़ी।

    By Dharmendra PandeyEdited By: Updated: Thu, 24 Nov 2016 04:09 PM (IST)

    लखनऊ (जेएनएन)। विश्व में अपनी अलग पहचान बनाने वाली इस्लामी शिक्षण संस्थान नदवातुल उलमा के रेक्टर मौलाना राबे हसन नदवी को लगातार पांचवीं बार मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का अधयक्ष चुना गया है। उनको कोलकाता में बीते हफते बोर्ड के वार्षिक अधिवेशन में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अधयक्ष पद पर बरकरार रखने के फैसले पर मुहर लगी।

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    मौलाना राबे हसन नदवी को आम सहमति से दोबारा बोर्ड का अध्यक्ष चुन लिया गया है, हालांकि मौलाना इस बार खुद को बोर्ड के काम से अलग रखना चाहते थे मगर सदस्यों की जिद के सामने उन्हें यह जिम्मेदारी कबूल करनी पड़ी। बताया जाता है कि अगर मौलाना इस पद को फिर से कुबूल नहीं करते तो बोर्ड के दुसरे सदस्यों के बीच इस पद को पाने के लिए घमसान शुरू हो सकती था। इसे देखते हुए मौलान राबे ने फिर से इस जि़म्मदारी को स्वीकार कर लिया। घमासान का कारण यह बताया जाता है कि बोर्ड के अंदर मौलाना राबे नदवी को छोड़ कर कोई ऐसा चेहरा नहीं है, जिस पर आम सहमति बन सके। ऐसे में बोर्ड जो पहले से ही अपने कई निर्णयों की वजह से आलोचना झेल रहा था, इस घमसान के बाद और अधिक निशाने पर आ जाता। बोर्ड को आलोचना से बचाने के लिए मौलाना राबे नदवी ने यह जि़म्मदारी फिर से अपने सर पर ले ली।

    बोर्ड के वार्षिक अधिवेशन में अगले तीन वर्षों के लिए मौलाना राबे हसनी नदवी का अध्यक्ष पद पर यह चुनाव सर्वसम्मति से हुआ। देश के मुसलमानों के सामाजिक व धार्मिक मामलों का प्रतिनिधित्व करने वाली इस संस्था के अध्यक्ष पद के लिए हुए इस चुनाव में मौलाना राबे हसनी नदवी के खिलाफ अन्य कोई प्रत्याशी खड़ा नहीं हुआ। मौलाना राबे हसन नदवी अली मियां रायबरेली के हैं और बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष मौलाना अबुल हसनी नदवी (अली मियां ) के परिवार से ताअल्लुक रखते हैं।

    पहली अक्टूबर 1929 को रायबरेली के तकिया कालान में जन्मे मौलाना राबे हसनी नदवी ने अरबी व उर्दू में अब तक 30 किताबें लिखी हैं। यह जानकारी कोलकाता के अधिवेशन में शामिल होने गए लखनऊ ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने बताया कि बोर्ड की 51 सदस्यीय कार्यकारिणी में लखनऊ से मौलाना डा.कल्बे सादिक, दिल्ली से मौलाना जलालुददीन उमरी, उत्तर प्रदेश के अंबेडकरनगर के किछौछा से फखरूददीन अशरफ और महाराषट्र से काका सईद उपाध्यक्ष चुने गए हैं।

    इनके अलावा बोर्ड के सचिव पद पर अब्दुर्रहीम कुरैशी व यूसुफ शेख के स्थान पर हैदराबाद के मौलाना खालिद सैफुल्ला व जयपुर के मौलाना अब्दुर्रहीम का चुनाव हुआ। अब्दुर्रहीम कुरैशी व यूसुफ शेख के देहांत की वजह से बोर्ड के सचिव के यह दो पद रिक्त चल रहे थे। बोर्ड की इस नई कार्यकारिणी में चार महिला सदस्य भी चुनी गई हैं। इनमें हैदराबाद की अस्मा जेहरा, लखनऊ की बेगम नसीम इक्तेदार अली, कोलकाता की बुशरा महमूद शामिल हैं। एक अन्य महिला सदस्य महाराष्ट्र से हैं।

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