Privatisation of UPPCL: उत्तर प्रदेश में बिजली के निजीकरण के विरोध में दो को राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन
Nationwide Protest For Privatisation of UPPCL विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर शनिवार को बिजली कर्मियों ने कारपोरेशन प्रबंधन पर निजीकरण के लिए आपातकाल जैसा वातावरण बनाए जाने का आरोप लगाते हुए पूरे प्रदेश में विरोध प्रदर्शन किया। प्रदेश के बिजली कर्मियों के उत्पीड़न पर देश के 27 लाख बिजलीकर्मी सड़क पर उतरने को बाध्य होंगे।

राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ : बिजली कर्मचारी संगठनों के तीन नेताओं के खिलाफ विजिलेंस ने आय से अधिक संपत्ति का मुकदमा दर्ज होने के बाद बिजली निजीकरण के मामले में विरोध के स्वर और मुखर होने लगे हैं।
बिजली कर्मचारियों व अभियंताओं की राष्ट्रीय समन्वय समिति नेशनल कोआर्डिनेशन कमेटी आफ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज एंड इंजीनियर्स ने पावर कारपोरेशन प्रबंधन के दमनकारी रवैये के विरोध में दो जुलाई को राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन करने का निर्णय किया है।
समिति ने कहा है कि प्रदेश के बिजली कर्मियों के उत्पीड़न पर देश के 27 लाख बिजलीकर्मी सड़क पर उतरने को बाध्य होंगे। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर शनिवार को बिजली कर्मियों ने कारपोरेशन प्रबंधन पर निजीकरण के लिए आपातकाल जैसा वातावरण बनाए जाने का आरोप लगाते हुए पूरे प्रदेश में विरोध प्रदर्शन किया।
बिजली नेताओं के खिलाफ विजिलेंस में मुकदमा दर्ज होने की संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव शशिकांत ने निंदा करते हुए चेतावनी दी कि बिजली कर्मियों के उत्पीड़न, निजीकरण व प्रीपेड स्मार्ट मीटर के नाम पर लूट के विरोध में किसान सड़क पर उतरेंगे।
मोर्चा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण को बड़ी लूट बताते हुए निजीकरण का निर्णय तत्काल निरस्त करने की मांग की है।
दमनात्कम कार्रवाई पर चुप नहीं बैठेंगे दलित व पिछड़े वर्ग के अभियंता
उत्तर प्रदेश पावर आफिसर एसोसिएशन ने कहा है कि पावर कारपोरेशन प्रबंधन निजीकरण के नाम पर बिजली कार्मिकों का जितना दमन करेगा उतना ही बड़ा आंदोलन खड़ा होगा। बाबा साहेब की संवैधानिक व्यवस्था के खिलाफ कुठाराघात बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बिजली कार्मिकों पर एफआईआर दर्ज करने की घटना से प्रदेश के दलित व पिछड़े वर्ग के अभियंताओं में भारी रोष है।
दमनात्मक कार्रवाई के खिलाफ दलित व पिछड़े वर्ग के अभियंता चुप नहीं बैठेंगे। शनिवार को हुई एसोसिएशन की इस आपात बैठक में अध्यक्ष आरपी केन, कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा, संगठन सचिव बिंदा प्रसाद, सुशील कुमार वर्मा, एम प्रभाकर आदि ने एफआईआर दर्ज कराए जाने की निंदा की है।
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