UPPCL: पारा चढ़ने के साथ 22 हजार मेगावाट पहुंची बिजली की मांग, रोस्टर व्यवस्था होगी खत्म; मिलेगी 24 घंटे लाइट
बढ़ती गर्मी के साथ उत्तर प्रदेश में बिजली की मांग 22 हजार मेगावाट के पार पहुंच गई है। मांग के अनुसार बिजली की उपलब्धता तो है लेकिन लोकल फाल्ट के चलते प्रदेशवासियों को बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है। इस स्थिति को देखते हुए उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने बिजली के निजीकरण की प्रक्रिया को तत्काल रोकने की मांग की है।

राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ। पारा चढ़ने के साथ ही प्रदेश में बिजली की मांग 22 हजार मेगावाट से ऊपर पहुंच गई है। मांग के मुताबिक बिजली की उपलब्धता तो है लेकिन लोकल फाल्ट के चलते प्रदेशवासियों को बिजली कटौती से जूझना पड़ रहा है।
गर्मियों के दौरान प्रदेश में बिजली आपूर्ति की सुचारू व्यवस्था बनाए रखने के लिए उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने बिजली के निजीकरण की प्रक्रिया को तत्काल रोकने की मांग की है। उपभोक्ता परिषद का कहना है कि रोस्टर व्यवस्था को समाप्त कर गांवों को भी 24 घंटे बिजली दी जाए।
पूर्वांचल व दक्षिणांचल डिस्काम के 42 जिलों की बिजली आपूर्ति को निजी हाथों में सौंपने को लेकर चल रही प्रक्रिया का बिजलीकर्मियों द्वारा लगातार किए जा रहे विरोध से गर्मियों में बिजली की आपूर्ति के प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही है।
प्रदेशवासियों को निर्बाध बिजली मिलती रहेगी। जागरण
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उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा का कहना है कि गर्मी के बढ़ने से बिजली की मांग लगातार बढ़ती जा रही है। ऐसे में पावर कारपोरेशन प्रबंधन निजीकरण की प्रक्रिया के तहत सलाहकार की गतिविधियों पर तत्काल रोक लगाए ताकि विरोध कर रहे बिजलीकर्मियों से औद्योगिक आशांति न पैदा होने पाए और प्रदेशवासियों को निर्बाध बिजली मिलती रहे।
वर्मा ने कहा कि सिर्फ उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र में रोस्टर के अनुसार 18 घंटे बिजली मिल रही है। उन्होंने रोस्टर व्यवस्था समाप्त कर गांवों को भी 24 घंटे बिजली देने की मांग की। उल्लेखनीय है कि निजीकरण की प्रक्रिया को निरस्त न किए जाने पर बिजली अभियंता संघ ने अनिश्चितकालीन हड़ताल करने की घोषणा की है।
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