Updated: Mon, 29 Sep 2025 02:53 PM (IST)
लखनऊ में एक बुजुर्ग साइबर ठगी का शिकार हुए। जालसाज ने दिल्ली पुलिस इंस्पेक्टर बनकर मनी लॉन्ड्रिंग का झूठा आरोप लगाया और 24 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट में रखा। गिरफ्तारी का डर दिखाकर आठ लाख रुपये ठग लिए। पीड़ित ने सआदतगंज कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
जागरण संवाददाता, लखनऊ। साइबर जालसाज ने दिल्ली पुलिस का इंस्पेक्टर बनकर बुजुर्ग को 24 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट रखा। मनी लॉन्ड्रिंग का फर्जी आरोप लगाते हुए गिरफ्तारी का डर दिखाया। इसके बाद डरा धमका कर आठ लाख रुपये ट्रांसफर कर लिए। पीड़ित ने सआदतगंज कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई है। इंस्पेक्टर संतोष कुमार आर्य ने बताया कि छानबीन में पता चला कि जिस खाते में रुपये भेजे गए, वह बेंगलुरु का है।
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नेवाती टोला मोमिन नगर निवासी 66 वर्षीय महमूद आलम अंसारी ने बताया कि एक कॉल आई। फोन करने वाले ने खुद को इंस्पेक्टर गोपेश कुमार बताया और कहा कि आपके खिलाफ दिल्ली कनाट प्लेस थाने में मनी लॉन्ड्रिंग की रिपोर्ट दर्ज हुई है। मामले में जांच के आदेश हाई कोर्ट जज ने दिए हैं।
यह सुनकर महमूद ने कहा कि वे कभी दिल्ली नहीं गए हैं और न ही कोई अपराध किया है। वाट्सएप पर फर्जी आदेश की कापी भेजी और बताया कि सर्विलांस के माध्यम से आप पर नजर रखी जा रही है। बुजुर्ग महमूद ने मदद मांगी तो आरोपित ने कहा कि जांच पूरी होने तक आप किसी से कुछ नहीं बताएंगे, वरना आपको गिरफ्तार करना होगा।
जांच में क्रम में खाते की जांच होगी। अगर मनी लॉन्ड्रिंग के रुपये नहीं मिले तो रुपये वापस कर क्लीन चिट दे दी जाएगी। इस दौरान आपको पूरा सपोर्ट करना होगा। इसके बाद जालसाज ने वीडियो कॉल कर उन्हें डिजिटल अरेस्ट कर लिया, फिर एक खाता नंबर देते हुए आठ लाख जमा करने को कहा। पीड़ित ने अगले दिन बैंक जाकर रुपये ट्रांसफर कर दिए। दोबारा 10 लाख की मांग पर पीड़ित को शक हुआ। रुपये देने से इनकार किया तो उन्हें डराया गया।
ठगी का एहसास होने पर महमूद आलम ने बैंक में शिकायत कर खाते को फ्रीज करा दिया। पीड़ित ने सआदतगंज कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई है।
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