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    Pollution fit certificate: वाहनों की प्रदूषण जांच में हो रहा था खेल, पता चलते ही विभाग ने खोज निकाला यह तोड़

    Updated: Wed, 03 Apr 2024 11:43 AM (IST)

    Pollution fit certificate परिवहन विभाग ने वाहनों की केंद्रों पर उपस्थिति तय करने व फेक एपीआइ (ऐप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस) का उपयोग रोकने को एनआइसी से पाल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट (पीयूसीसी) को अपग्रेड कराया। एनआइसी ने पीयूसीसी वर्शन 2.0 विकसित करके टेस्टिंग भी पूरी कर लिया है। अब सभी प्रदूषण जांच केंद्रों के स्वामी व आपरेटर को मोबाइल एप पीयूसीसी सेंटर एप का उपयोग करना होगा।

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    Pollution fit certificate बिना वाहन के प्रदूषण की जांच अब नहीं हो सकेगी।

     जागरण संवाददाता, लखनऊ। Pollution fit certificate प्रदेशभर में वाहनों के प्रदूषण की जांच प्रक्रिया और सख्त होने जा रही है। बिना वाहन के प्रदूषण की जांच अब नहीं हो सकेगी और न ही काला धुआं उगलते वाहनों को मनचाही प्रदूषण की रिपोर्ट मिल सकेगी। अब 15 अप्रैल से मोबाइल एप से वाहनों की जांच होगी, वाहनों के आगे व पीछे की फोटो और चंद सेकेंड का वीडियो भी रिकार्ड करना होगा।

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    वाहनों के प्रदूषण की जांच केंद्रों पर अभी कैमरे से वाहन के नंबर प्लेट की फोटो खींचकर की जाती रही है। इसमें आरोप लगता रहा है कि वाहन के मौके पर लाए बिना ही केवल नंबर प्लेट की फोटो लेकर प्रदूषण फिट होने का प्रमाणपत्र जारी किया जाता रहा है।

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    परिवहन विभाग ने वाहनों की केंद्रों पर उपस्थिति तय करने व फेक एपीआइ (ऐप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस) का उपयोग रोकने को एनआइसी से पाल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट (पीयूसीसी) को अपग्रेड कराया। एनआइसी ने पीयूसीसी वर्शन 2.0 विकसित करके टेस्टिंग भी पूरी कर लिया है।

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    अब सभी प्रदूषण जांच केंद्रों के स्वामी व आपरेटर को मोबाइल एप पीयूसीसी सेंटर एप का उपयोग करना होगा। इस एप को अपग्रेड पोर्टल से डाउनलोड किया जा सकता है।

    अपर परिवहन आयुक्त प्रवर्तन पुष्पसेन सत्यार्थी ने सभी सहायक संभागीय अधिकारियों को आदेश दिया है कि 15 अप्रैल से नए एप का उपयोग कराएं।

    नए एप से होंगे ये लाभ

    • प्रदूषण जांच केंद्र के स्वामी को अपने लागिन से सेंटर का लैटीट्यूड व लांगीट्यूड यानी लोकेशन अपलोड करना होगा, वहीं मोबाइल वैन प्रदूषण जांच को एआरटीओ कार्यालय में अपनी लोकेशन अंकित कराना होगा।
    • एप को सेंटर के तीन मोबाइल में अपलोड किया जा सकता है, एक समय में प्रयोग एक का ही होगा। केंद्र से 30 मीटर परिधि में एप का प्रयोग किया जा सकेगा, वहीं मोबाइल वैन का एप एआरटीओ कार्यालय से 40 किलोमीटर परिधि में ही कार्य करेगा।
    • जिले या तय केंद्र से बाहर जांच करने पर प्रदूषण केंद्र के निलंबन व निरस्तीकरण की कार्रवाई होगी।