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    PM नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्र प्रेरणा स्थल में प्रतिमाओं को एकटक निहारा और पूरे भाव से अर्पित किए पुष्प

    By Dharmesh Awasthi Edited By: Dharmendra Pandey
    Updated: Fri, 26 Dec 2025 03:45 PM (IST)

    PM Narendra Modi in Lucknow: म्यूजियम के संबंध में तीन मिनट का वीडियो देखने के बाद जनसंघ व भाजपा के गलियारे को देखने की शुरुआत डा. मुखर्जी गैलरी, बंगा ...और पढ़ें

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    राष्ट्रवाद से प्रेरित पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी की कविता की पंक्तियां मुस्कुराते हुए पढ़ी

    जागरण संवाददाता, लखनऊ : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्र प्रेरणा स्थल पर बने हेलीपैड पर गुरुवार को उतरने के बाद स्वागत करने वालों का अभिवादन किया। गोल्फ कार्ट में बैठकर भव्य कांस्य प्रतिमाओं तक पहुंचे।

    पीएम मोदी ने 65-65 फीट ऊंची प्रतिमाओं को एकटक निहारा। सबसे पहले डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय व पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी की की कांस्य की बनी प्रतिमाओं पर कृतज्ञ भाव से पुष्पांजलि दी और मूर्तियों के सामने हाथ भी जोड़े। मोदी को बताया गया कि मूर्तियों का डिजाइन प्रख्यात मूर्तिकार राम वी सुतार व मातूराम ने तैयार किया था।

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    कमल के पुष्प के आकार पर बने राष्ट्र प्रेरणा स्थल में मूर्तियों के पीछे मेडिटेशन सेंटर, विपश्यना केंद्र, योग केंद्र बना है, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री को इसकी जानकारी दी। सीएम ने प्रधानमंत्री को बताया कि राष्ट्र प्रेरणा स्थल लोगों को सेहतमंद भी करेगा। परिसर में 1.72 किलोमीटर का जागिंग ट्रैक बना है, ताकि आसपास के लोग सुबह व शाम को यहां टहल सके।

    पीएम ने वहां से म्यूजियम पहुंचकर भारत माता की दस फीट ऊंची प्रतिमा पर पुष्पांजलि के बाद दीवार पर वंदेमातरम लिखा देखा। म्यूजियम के संबंध में तीन मिनट का वीडियो देखने के बाद जनसंघ व भाजपा के गलियारे को देखने की शुरुआत डा. मुखर्जी गैलरी, बंगाल विभाजन गलियारा, दीनदयाल गैलरी और फिर पूर्व पीएम अटल की गैलरी का भ्रमण करके उनके जीवन प्रसंगों को देखा।

    राष्ट्रवाद से प्रेरित पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी की कविता की पंक्तियां मुस्कुराते हुए पढ़ी। जनसंघ के प्रतीक चिन्ह जलता दीपक और सुदर्शन चक्र की प्रतिकृतियां भी दमक रही थी।संग्रहालय में भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन से लेकर राष्ट्रीयता तक के सफर को नए सिरे से जाना। जनसंघ से लेकर भाजपा तक के नेताओं के होलोग्राफिक डिस्प्ले व भित्ति चित्रों ने उन्हें प्रभावित किया। राष्ट्र नायकों के प्रयोग किए गए समान जैसे- तख्त, मेज-कुर्सी, छड़ी आदि को लोगों के दर्शन के लिए रखे दिखे।